जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले के ऐतिहासिक क्षेत्र हस्तिनापुर में किसान संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आज रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चीफ मोहन भागवत उपस्थित लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए मंच पर पहुंचे। इस दौर मंच पर मौजूद किसान संघ के पदाधिकारियों ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत अभिनंदन किया, तत्पश्चात स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा को भी नष्ट किया। इसी तरह कृषि को भी नष्ट किया है। दस हजार साल से भारत में खेती की जा रही थी। किसान की खेती उसकी प्रयोगशाला थी।
400 साल पहले विदेश में गाय नहीं थी। भारत से देशी गाय ले जाया गया तथा कई प्राजाति की बनाई गई। भागवत ने कहा कि भारत की गाय ज्यादा दूध नहीं देती ऐसा प्रचार किया गया। गाय दूध के लिए नही खेती के लिए थी। मूत्र-गोबर प्रयोग होता था। रसायन भी अब दिया जाता है। अन्न नहीं मिलता। रसायन सब्जी खेती के जरिये आदमी के भीतर जा रहा है। पंजाब से कैंसर ट्रेने चलने लगी। हमारे पास सही रास्ता है। हम वापसी होंगे। स्वतंत्रा का 75वां वर्ष मना रहे हैं।
परंपरागत कृषि ही श्रेष्ठ है। मेढक का एक्सपोर्ट किया जाता था। मेढक कीड़े को खाता है। मेढक ज्यादा हो गया तो उसे सर्प खाता है। रसायनिक से खेती नहीं चिपके। जैविक खेती अपनाये। तालाब व नदिया थी। ये प्रकृति का चक्र था। इसे लागू करने की आवश्यकता है। किसान समस्या में है। मांगे भी हैं। लागत कम करनी होगी।
हमारा देश अंहिसा का है। अहिंसा पालन करें। तमाम रीति रिवाज भी प्रकृति ने दिये हैं। किसान आंदोलन ही नहीं करता, बल्कि किसान संघ जैविक खेती करे। किसान भारत वर्ष का प्राण है। खेती में परिवर्तन लाना है।