- पुलिस की पकड़ से दूर हैं मास्टरमाइंड के बेटे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आर्मी से रिटायर हुए 10वीं फेल ड्राइवर अपने दो बेटों संग अचानक फर्जी कर्नल बनकर लाखों की ठगी कर सनसनी फैला देता है। इंटेलीजेंस एजेंसियां भी पता नहीं कर पाई कि आखिर युवाओं से सेना में भर्ती कराने के नाम पर लाखों लाख रुपये बेधड़क वसूला जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को जब तब यह वाकया पता चलता है
तब तक आरोपी और उसका गैंग कई जिलों में अपने नेटवर्क का जाल फैलाकर कइयों से ठगी कर चुका था। फिलहाल इनपुट मिलने के बाद चौकस हुई एसटीएफ ने आखिरकार ठगी के सरगना को तो दबोच लिया, लेकिन उसके बेटे अभी तक पुलिस को चकमा देने में कामयाब हैं। पूछताछ में आरोपी ने जो राज उगले उससे सुरक्षा एजेंसियों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
फर्जी कर्नल बनकर सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले 10वीं फेल सेना से रिटायर्ड ड्राइवर सत्यपाल सिंह यादव को तो पुलिस ने जेल भेज दिया है। मगर, उसके दोनों लड़के रजत उर्फ देवेंद्र और प्रशांत अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। पुलिस पूरे हाथ पांव मार रही है, लेकिन उनतक पुलिस का पहुंचना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। एसटीएफ व पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वह एक ज्वाइनिंग के नाम पर 10 लाख रुपये तक लेता था। पुलिस को उसके दोनों लड़कों की तलाश है जो इस गिरोह में शामिल हैं।
बेटों संग करता था ठगी
मूलरूप से बुलंदशहर जिले के गुलावठी क्षेत्र के ग्राम ईशापुर निवासी सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करनसिंह यादव अपने लड़के रजत उर्फ देवेंद्र और प्रशांत के साथ मिलकर 2016 से सेना में भर्ती कराने के नाम पर कई लोगों से ठगी कर करोड़ों रुपये की रकम ऐंठ चुका है।
यहां तैयार होता था लेटर
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ज्वाइनिंग लेटर घर में ही तैयार किया जाता था। उसके लिए पहले आॅनलाइन सर्च कर सैंपल देखा जाता फिर रजत उर्फ देवेंद्र लैपटॉप पर उसे तैयार करता और प्रिंटआउट निकालकर स्पीडपोस्ट करते थे।
आठ साल में युवाओं से ठगे करोड़ों
आरोपी सत्यपाल सिंह यादव ने पूछताछ में तो पहले इधर उधर की बातें कर बरगलाता रहा और खुद की बीमारी का बहाना बनाता रहा। लेकिन जब पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो पूरी कहनी बताई। उसने यह भी बताया कि 2016 से इस गिरोह को चला रहे हैं।
नौकरी के नाम पर वसूलते थे 10 लाख
प्रत्येक से नौकरी लगवाने के नाम पर 10 लाख रुपये तक लेते हैं। जब पीड़ितों को सच्चाई का पता चलता है तो फिर उन्हें धमकी देते हैं। किठौर क्षेत्र के भगवानपुर बांगर निवासी सुरेंद्र मलिक पुत्र निरंजन सिंह ने इंचौली थाने में रजत और प्रशांत के खिलाफ 45 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था।
कमेटी करेंगी एनएएस प्राचार्य पर लगे आरोपों की जांच
मेरठ: एनएएस पीजी कालेज के प्राचार्य पर लगे आरोपों की जांच एक हाई लेबल कमेटी करेगी। दरअसल, एनएएस कालेज के प्राचार्य पर कायदे कानून ताक पर रखकर शाही खर्चे करने के आरोप लगाते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता अतुल शर्मा निवासी अजंता कालोनी ने डीएम व एनएएस कालेज के सचिव को शिकायती पत्र दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि कालेज के प्रधानाचार्य द्वारा विभिन्न मदों में तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर नियम विरूद्ध भुगतान किया गया है। अतुल शर्मा द्वारा डीएम व कालेज सचिव को प्रेषित पत्र में उन खातों का भी उल्लेख किया गया है जिनको लेकर आपत्ति जतायी गयी है।
इन खातों में यूजीसी, फीस का चालू खाता, रिडिंग रूम, आई कार्ड खाता, परीक्षा खाता, छात्र कल्याण खाता, चिकित्सा खाता, गरीब छात्र कल्याण कोष, लाइब्रेरी सिक्योरिटी खाता, बुक बैंक खाता, फीस कनेक्शन खाता, टीचर वेल्फेयर फंड खाता, छात्र संघ खाता, रजिस्ट्रेशन शुल्क खाता, विश्वविद्यालय विकास खाता, स्किल डवलपमेंट खाता, एनएएस खाता व साहित्य एवं उर्दू परिषद खाता शामिल हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि उक्त खातों में कब और किसे कितना भुगतान किया गया है, इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
कमेटी की रिपोर्ट रहेगी सबसे अहम
इस संबंध में एनएएस पीजी कालेज के सचिव अमित शर्मा का कहना है कि एक शिकायती पत्र मिला है। आज मामले की जांच के लिए एक हाइलेबल कमेटी बना दी जाएगी। इस कमेटी की रिपोर्ट ही सबसे अहम रहेगी और रिपोर्ट के आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।