- टैंकर से थिनर निकालते समय लगी आग, कई किमी दूर तक निकली लपटें
- आग से निपटने के उपाय नहीं, करोड़ों का नुकसान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंचौली थानांतर्गत फिटकरी मार्ग पर स्थित आदि सोलेंट रिसाइकर्लस के नाम से केमिकल प्लांट में बुधवार की दोपहर उस वक्त भीषण आग लग गई जब टैंकर से थिनर निकाला जा रहा था। आग की विकरालता का अंदाज कई किमी दूर से महसूस किया जा सकता था। आग लगते ही प्लांट में अफरातफरी मच गई और अंदर मौजूद 15 कर्मचारियों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। आग से करोड़ों का नुकसान बताया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस फैक्ट्री में आग से निपटने के उपाय तक नहीं थे और फायर ब्रिगेड से एनओसी तक ली गई थी।
गांव मसूरी व मवाना खुर्द के बीच गांव फिटकरी मार्ग पर मेरठ निवासी मधुकांत जैन पुत्र सुभाष चंद जैन ने लगभग दो वर्ष पूर्व आदि सोलेंट रिसाइकर्लस के नाम से केमिकल प्लांट है। जिसमें थिनर व अन्य सामान बनता है। पंजाब व दौराला आदि दवाई फैक्ट्रियों से कच्चा माल मंगाकर थिनर तैयार किया जाता है। बुधवार को दोपहर फैक्ट्री में थिनर से भरे प्लास्टिक के ड्रम कैंटर में लाद रहे थे। उसी दौरान थिनर का एक ड्रम तेज धूप के कारण जमीन पर गिरने के कारण लीक हो गया और थिनर में आग लग गई।
आग ने भयंकर रूप ले लिया और पास ही थिनर से भरे खड़े कैंटर के टायरों ने आग पकड़ ली। देखते देखते आग की लपटें आसमान को भीषण आग से हाहाकार मच गया लगभग 15 कर्मचारी समय रहते बाहर निकल आये थे। परिसर में थिनर से भरे खड़े तीन अन्य टैंकरों को भी बाहर समय रहते बाहर निकलवाया। नेशनल हाइवे पर गांव मसूरी व मवाना खुर्द के बीच गांव फिटकरी मार्ग पर मेरठ निवासी मधुकांत जैन पुत्र सुभाष चंद जैन ने लगभग दो वर्ष पूर्व आदी सोलेंट रिसाइकर्लस के नाम से केमिकल प्लांट है।
जिसमें थिनर व अन्य सामान बनता है। पंजाब व दौराला आदि दवाई फैक्ट्रियों से कच्चा माल मंगाकर थिनर तैयार किया जाता है। बुधवार को दोपहर फैक्ट्री में थीनर से भरे प्लास्टिक के ड्रम कैंटर में लाद रहे थे। उसी दौरान थिनर का एक ड्रम गर्मी से तप रही जमीन पर गिरने के कारण लीक हो गया और थिनर में आग लग गई। आग ने भयंकर रूप ले लिया और पास ही थीनर से भरे खड़े कैंटर के टायरों ने आग पकड़ ली। कैंटर आग का गोला बन गया और पूरी फैक्ट्री में आग फैल गई। भीषण आग से हाहाकार मच गया लगभग 15 लोगों का स्टाफ समय रहते बाहर निकल आया था।
परिसर में थिनर से भरे खड़े तीन अन्य टैंकरों को भी बाहर समय रहते बाहर निकलवाया। सीएफओ संतोष कुमार राय ने बताया कि आग बुझाने में फायर ब्रिगेड की 13 गाड़ियों का प्रयोग किया गया। इसमें नौ गाड़ियां शहर से, दो-दो गाड़ियां हापुड़ और गाजियाबाद से मंगाई गई थी। आग को बुझाने में चार घंटे लग गए। उन्होंने बताया कि आग से प्लांट में रखा 20हजार लीटर थिनर जलकर खाक हो गया। इसके अलावा 200 लीटर के 60 ड्रम भी आग की भेंट चढ़ गए।
सीएफओ ने बताया कि एक साल से चल रही फैक्ट्री ने प्रोविजनल लाइसेंस लिया था, लेकिन बार-बार नोटिस देने के बाद भी इसे स्थायी लाइसेंस नहीं हासिल किया था। इस प्लांट को चलाने के लिये अन्य विभागों ने कैसे एनओसी जारी की थी इसकी जानकारी नहीं। फैक्ट्री में आग से निपटने के कोई साधन नहीं थे। अब यह प्लांट तभी चालू हो पाएगा जब आग बुझाने के सारे मानक पूरे हो जाएंगे।
फैक्ट्री मालिक मधुकांत जैन का कहना था कि डेढ़ वर्ष पूर्व सभी मानकों को पूरा करते हुए फैक्ट्री लगायी थी। आग बुझाने ने लिए फोम कारगर होता है। फैक्ट्री में एक हजार लीटर फोम रखा हुआ था, लेकिन आग वही लगी जहां पर फोम रखा हुआ था। चार टैंकरों में से तीन टैंकर माल सुरक्षित निकाल लिया गया था। करोड़ों का नुकसान हुआ है।
दहशत का माहौल
प्लांट में आग लगने के कारण उठ रहे काले धुएं को करीब पांच किमी दूर से भी देखा जा रहा था। आसपास के इलाकों में ग्रामीण भागकर फैक्ट्री की तरफ आए आग की हकीकत जानने लगे। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के सायरन के शोर से ऐसा लग रहा था कि आग काफी विकराल रूप ले चुकी है। चार घंटे की अथक मेहनत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।
एक भी सबमर्सिबल नहीं आया काम
फिटकरी के केमिकल प्लांट में आग बुझाने के यंत्र नही थे। तीन सबमर्सिबल पंप लगे थे, आग लगने पर पावर कट किया गया। इस कारण एक भी सबमर्सिबल पंप नहीं चल पाया। यही कारण था कि जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचती तब तक आग ने काफी नुकसान पहुंचा दिया था। फैक्ट्री के मैनेजर बलवंत ने बताया कि थिनर पेंट व लकड़ी में होने वाली पालिस में काम आता है।
आग बुझाने के लिए आसपास फैक्ट्रियों से भी पानी लाना पड़ा। अग्निशमन गाड़ियों को दो-तीन राउंड में अन्य फैक्ट्रियों से पानी लाना पड़ गया। गांव फिटकरी निवासी ग्राम पंचायत सदस्य विनीत कुमार का कहना था कि फैक्ट्री का धुआं गांव की ओर फैल रहा था। जिससे दम घुटने लगा था। बगैर मानक पूरा किए केमिकल फैक्ट्री चलाई जा रही है। गांव में कई फैक्ट्रियां है जो मानक पूरा नही कर रही है। कभी भी बड़ा हादसा जानलेवा बन सकता है। इस मामले में जल्द ही डीएम से मिलकर हकीकत बताएंगे।