- अवैध निर्माण करने वाले निर्माण करने में लगे कार्रवाई का नहीं डर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आवास विकास परिषद एक दर्जन से भी अधिक अवैध निर्माण के मामलों की फाइलों को एमडीए भेज चुका है। अब इन निर्माणों पर सीलिंग की कार्रवाई की जानी है, लेकिन एमडीए की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उधर, अवैध निर्माण करने वाले अधिकारियों को ठेंगा दिखाते हुए निर्माण पर निर्माण किये जा रहे हैं। डिलीसियस स्वीट्स समेत कई जगह निर्माण कार्य जारी है, लेकिन यहां निर्माण कार्य रुकवाया नहीं जा रहा है। निर्माण होने के बाद फिर उसे तोड़ा नहीं जा सकेगा। जिससे निर्माणकर्ता को पूरा फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि अभी हाल ही में आवास विकास परिषद की ओर से डी-1 में स्थित डिलीसियस स्वीट्स को अंतरिम नोटिस जारी किया था। उसके बाद उसकी फाइल को सीलिंग की कार्रवाई के लिये एमडीए भेज दिया गया। लेकिन एक सप्ताह होने को अभी तक यहां सीलिंग की कार्रवाई नहीं की जा रही है। उधर, निर्माण करने वालों पर कार्रवाई का कोई असर होता नहीं दिख रहा है। शुक्रवार को डिलीसिय स्वीट्स पर टीने शेड डालने के लिये जाल डाल दिया गया। यहां अधिकारियों को निर्माणकर्ता बोना साबित करने पर तुले हुए हैं। उधर, आवास विकास अधिकारी कहते हैं। अब इस पर सील की कार्रवाई होगी जो एमडीए को करनी है।
और भी अवैध निर्माण जारी
क्षेत्र की बात करें तो एल-1655 में भी अवैध निर्माण जारी है। यहां पर निर्माण कर्ता ने बिना किसी परमिशन के आवासीय संपत्ति को कमर्शियल में निर्माण कर लिया है। एक तीन मंजिला इमारत बनाकर तैयार कर दी है। यहां भी आवास विकास की ओर से नोटिस भेजकर कार्रवाई की गई, लेकिन एमडीए की ओर से कार्रवाई में देरी की जा रही है। जिस कारण सभी जगहों पर निर्माण जारी है। क्षेत्र में एल-1637 और डी-341 भी ऐसे ही मामले हैं। जिन पर सील लगाई जानी है और इनके खिलाफ दो-दो बार नोटिस दिये जाने के बाद दो बार फाइल एमडीए को भेजी गई। पहली बार फाइल भेजे जाने के बाद दूसरी बार रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन यहां अभी तक कार्रवाई नहीं की गई।
चुनाव की आड़ में हो रहे अवैध निर्माण
आवास विकास परिषद के अधिकारी यहां चुनाव ड्यूटी में रहे तो अवैध निर्माण करने वालों ने निर्माण बनाकर खड़े कर दियो। अब नियम यह है कि अगर एक बार निर्माण बनकर तैयार हो गया तो उसे ध्वस्त नहीं किया जा सकता। उस पर सील लगाई जा सकती है, लेकिन निर्माण को तोड़ा नहीं जाता। जिसका पूरा फायदा निर्माण करने वाले उठा रहे हैं। यहां उन्होंने निर्माण बनाकर तैयार कर लिये हैं। अब एमडीए अधिकारी भी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं। अब देखना यह है कि यहां सीलिंग की कार्रवाई कब होती है।