नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। मृतक लुटेरे मंगेश यादव पर चोरी और लूट के करीब 8 मुकदमे दर्ज हैं। साल 2021 में जिले के करौंदीकला थाने में मंगेश यादव के खिलाफ चोरी और बरामदगी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। साल 2022 तक उसके खिलाफ छह मुकदमे दर्ज थे। साल 2023 में करौंदीकला थाने में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा मुठभेड़ के दौरान लुटेरे मंगेश यादव के मारे जाने से राजनीतिक विवाद गरमा गया है। मंगेश यादव 28 अगस्त 2024 को सुल्तानपुर में भरत जी सर्राफ की ‘ओम ऑर्नामेंट्स’ नामक ज्वेलरी शॉप में हुई हाई-प्रोफाइल चोरी में शामिल था। इसमें 1.5 करोड़ रुपए से अधिक के कीमती सामान चोरी हुए थे।
मंगेश यादव एक वांछित अपराधी था, जिसके सिर पर एक लाख रुपए का इनाम था। उसके खिलाफ लूट और चोरी के कई मामले दर्ज थे। 5 सितंबर 2024 को सुल्तानपुर के देहात कोतवाली के अंतर्गत मिशिरपुर पुरैना में STF के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया। पुलिस का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में ये कार्रवाई की है। वहीं, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने इसमें भी जाति खोज लिया है और उनके साथ कंधे कंधा मिलाकर राहुल गांधी भी जाति को लेकर आवाज उठा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने X पर एक लंबे पोस्ट में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के सुल्तानपुर डकैती में शामिल लोगों से संबंध हैं। उन्होंने दावा किया कि इन कथित संबंधों के कारण ही डकैती के दो दिन बाद रायबरेली में एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी विपिन सिंह को अदालत में समर्पण के लिए मजबूर किया गया।
जातीय कार्ड खेलने के लिए मशहूर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोपों में इजाफा करते हुए आगे कहा कि सुल्तानपुर डकैती कांड के मुख्य आरोपित को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया और अन्य गैर-यादव आरोपियों को सिर्फ दिखावे के लिए पैर में गोली मारी गई, जबकि मंगेश यादव को उसकी जाति के कारण मार दिया गया।
एनकाउंटर में मारे गए लुटेरे के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “जब मुख्य आरोपित ने आत्मसमर्पण कर दिया है तो लूटा गया सारा माल वापस किया जाना चाहिए और सरकार को अलग से मुआवजा देना चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं से होने वाले मानसिक आघात से उबरने में काफी समय लगता है। इससे व्यापार में नुकसान होता है, जिसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए।”
योगी सरकार पर फर्जी एनकाउंटर के अपने आरोपों को दोहराते हुए अखिलेश ने कहा, “नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है। घोर निंदनीय!”
यह भी बताया गया है कि लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मृतक डाकू मंगेश यादव के घर पहुंचा और अपनी संवेदना व्यक्त की। ऐसा लगता है कि यह अखिलेश यादव की यादव समुदाय के एकमात्र नेता के रूप में स्थिति को मजबूत करने का प्रयास है, भले ही इसके लिए किसी अपराधी का पक्ष ही क्यों ना लेना पड़े।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि समाजवादी पार्टी ने किसी अपराधी का पक्ष लिया है। हाल ही में अयोध्या दुष्कर्म मामले में अखिलेश यादव ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले आरोपितों का डीएनए टेस्ट कराने की माँग की थी। अयोध्या प्रशासन ने नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपित उनकी पार्टी के नेता मोईद खान की बेकरी को ध्वस्त कर दिया था।
पिछले साल उमेश पाल हत्याकांड के में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके साथी गुलाम मुहम्मद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। उस समय भी अखिलेश यादव ने मारे गए अपराधियों के बचाव में उतरकर मुठभेड़ को फर्जी बताया था। यह तब हुआ, जब घटना के सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर दिखा था कि दोनों अपराधी उमेश पाल का पीछा कर रहे थे।
सीसीटीवी फुटेज में असद अहमद और उसके साथी गुलाम मुहम्मद को उमेश पाल पर पिस्तौल से हमला करते हुए साफ देखा गया था। इसके बावजूद अखिलेश यादव उनका बचाव करते रहे। इससे अखिलेश यादव ने मृतक गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया है। उसकी मौत पर सपा विधायक महेंद्रनाथ यादव श्रद्धांजलि देने भी पहुँचे थे।
भाजपा ने समाजवादी पार्टी को अपराधियों का समर्थक बताया है। सपा नेताओं द्वारा लूटेरे मंगेश यादव के घर जाने पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, समाजवादी पार्टी अपराधियों का समर्थन करने में किस हद तक जाएगी? अब समाजवादी पार्टी अपराधियों के घर संवेदना जताने जाती है। पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी के घर संवेदना जताने जाते हैं और अब मंगेश यादव…।”
क्या हुआ था 28 अगस्त को?
लूट की यह घटना सुल्तानपुर जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के ठठेरी बाजार में हुई थी। बाजार में भरत जी सर्राफ ओम ऑर्नामेंट्स नाम से ज्वैलरी शॉप चलाते हैं। 28 अगस्त 2024 की सुबह लगभग 10 बजे भारत और उनके बेटे ने अपनी ज्वैलरी की दुकान खोली और काम करने लगे। दुकान पर रोज की तरह कुछ लोग आए हुए थे। दोपहर करीब 12 बजे दुकान में दो ग्राहक बैठे हुए थे।
इसी बीच एक आरोपित ने अपने चेहरे पर रूमाल बाँधकर दुकान में और और भरत एवं उनके बेटे पर बंदूक तान दी। दुकान में बैठे पिता-पुत्र और दोनों ग्राहक हैरान रह गए। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, गिरोह का एक और सदस्य हेलमेट पहने और काला बैग लेकर आता दिखाई दिया। इसके बाद तीन और बदमाश दुकान में घुसे और लूटपाट की।
दिनदहाड़े सोना-चांदी लेकर फरार हुए बदमाश
उत्तर प्रदेश: सुल्तानपुर में सर्राफ ठठेरी बाजार में कुछ बदमाश दिनदहाड़े 5 करोड़ के सोना और चांदी लेकर फरार हो गए. पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.#Uttarpradesh | #CCTV | #Sultanpur pic.twitter.com/511N5Vumvr
— NDTV India (@ndtvindia) August 29, 2024