Monday, July 7, 2025
- Advertisement -

सवालों के घेरे में विदेशनीति

चीन के चिंगदाओ नगर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का एक शिखर सम्मेलन 25 और 26 जून को आयोजित किया गया। एससीओ सम्मेलन में सदस्य देशों द्वारा एक संयुक्त वक्तव्य तैयार किया गया। संयुक्त वक्तव्य का मकसद निरूपित किया गया कि एससीओ देशों में संयुक्त सुरक्षा प्रबंधन, परस्पर आर्थिक सहयोग और वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध एक संयुक्त और कारगर रणनीति का ऐलान करना है। भारतीय प्रतिनिधि मंडल द्वारा जब तैयार किए गए संयुक्त वक्तव्य दस्तावेज की बाकायदा समीक्षा की गई तो उसको स्पष्टतया प्रतीत हुआ कि संयुक्त वक्तव्य दस्तावेज को अत्यंत पक्षपातपूर्ण और असंतुलित तौर से तैयार किया गया है। भारत के मुताबिक तैयार किए गए संयुक्त वक्तव्य दस्तावेज में 11 मार्च को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जफर एक्सप्रेस के अपहरण कांड की वारदात का एक आतंकवादी वारदात के तौर पर उल्लेख किया गया है। लेकिन विगत 22 अप्रैल को कश्मीर यात्रा के लिए पधारे यात्रियों पर पहलगाम में किए गए आतंकवादी आक्रमण को तैयार किए गए संयुक्त वक्तव्य दस्तावेज में पूरी तरह से नजरअंदाज करके उसे एकदम दरकिनार कर दिया गया है।

एससीओ सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लीडर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस तैयार किए गए संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से स्पष्ट इनकार कर दिया। एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और वैश्विक आतंकवाद को किसी भी एक मुल्क के नजरिए से कदाचित नहीं देखा और परखा नहीं जा सकता। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट तौर पर फरमाया कि आतंकवादी वारदातों को कदापि नहीं रोका जा सकता, जब तक कि सभी आतंकवादी वारदातों को निष्पक्षता के साथ देखा और समझा नहीं जाएगा। भारत द्वारा संयुक्त वक्तव्य पर दस्तखत नहीं किए जाने के परिणामस्वरूप इस दफा एससीओ सम्मेलन कोई संयुक्त घोषणा पत्र (जॉइंट डिक्लेरेशन) भी जारी नहीं कर सका। क्योंकि एससीओ चार्टर के प्रावधान के तहत सभी सदस्य देशों की संपूर्ण सहमति से ही कोई संयुक्त वक्तव्य और संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जा सकता है।

एससीओ की स्थापना सन् 1991 सोवियत संघ के विघटन के तत्पश्चात 26 अप्रैल 1996 में चीन के शंघाई नगर में आयोजित किए गए एक सम्मेलन में की गई थी। जिसमें रूस, चीन, कजाकिस्तान किर्गिस्तान और तजाकिस्तान द्वारा शिरकत की गई थी। शंघाई सम्मेलन में संयुक्त तौर पर इन देशों द्वारा परस्पर सरहदी विवादों को निपटाया गया था। प्रारंभ में इस एससीओ ग्रुप को शंघाई फाइव के नाम से स्थापित किया गया था। भारत, ईरान, पाकिस्तान सन 2005 से निरंतर एससीओ सम्मेलनों पर्यवेक्षक देशों के तौर पर शिरकत करते रहे। 2017 में भारत और पाकिस्तान को एससीओ का सदस्य बनाया गया। 2019 में जब भारत द्वारा आर्टिकल 370 को निरस्त किया रूस ने भारत का प्रबल समर्थन किया। 2023 में एससीओ में ईरान को सदस्य बनाया गया। वस्तुत: नीतिगत और कूटनीतिक तौर से एससीओ पर चीन और रूस का निर्णायक प्रभाव कायम बना रहा है। परम्परागत तौर से रूस सदैव भारत का प्रबल रणनीतिक और कूटनीति पक्षधर देश रहा। एससीओ में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के उद्देश्य से ही रूस की पहल पर भारत को एससीओ में शामिल किया गया था। दुर्भाग्य से पाकिस्तान द्वारा प्रेरित और प्रायोजित पहलगाम हत्याकांड के प्रतिशोध में भारतीय सेना द्वारा संचालित आपरेशन सिंदूर के दौर में रूस द्वारा भारत को एक तरफा समर्थन प्रदान नहीं किया गया।

शिखर सम्मेलन में नौ सदस्य देश क्रमश: चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, भारत और ईरान ने शिरकत की। अफगानिस्तान और बेलारूस और मंगोलिया शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक देश के तौर पर उपस्थित रहे। एससीओ सम्मेलन द्वारा वैश्विक आतंकवाद के ज्वलंत प्रश्न पर पाखंडपूर्ण और दोगली कार्य नीति और रणनीति अख्तियार करने के विरोध में भारत का समर्थन करने और साथ देने के लिए एक भी सदस्य मुल्क आगे नहीं आया। कैसी विचित्र विडंबना है कि पाकिस्तान सरीखा मुल्क जोकि दशकों से वैश्विक आतंकवाद का सबसे बड़ा गढ़ बना रहा है। जिसकी सरजमीं पर जिहादी दहशतगर्दों के सरगना ओसामा बिन लादेन की परवरिश हुई और अलकायदा ने परवान चढ़कर सारी दुनिया में तबाही मचाई है। पहलगाम में नृशंस हत्याकांड अंजाम देने वाले रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा अपना गहरा ताल्लुक लश्कर तैयबा के साथ स्वीकारा गया है। लश्कर ए तैयबा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है और जिसको सदैव पाकिस्तान ने पाला पोसा और उसकी तरबीयत की गई है। अब वह पाकिस्तान एससीओ की नजर में आतंकवाद का शिकार एक मुल्क बन गया है। भारत जो कि अनेक दशक से जिहादी आतंकवाद के नृशंस निशाने पर बना रहा है, उस भारत के गहरे जख्मों को जानने और समझने के लिए एससीओ के सदस्य देश तैयार नहीं है।

भारतीय रक्षा मंत्री ने आॅपरेशन सिंदूर को भारत की सैद्धांतिक रणनीति करार दिया और यह वक्तव्य ऐसे वक्त में आया जबकि एससीओ द्वारा संयुक्त दस्तावेज में वैश्विक आतंकवाद से जुड़े गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज करने की कोशिश की गई। उल्लेखनीय है कि इन दिनों भारत और चीन की सरहद पर देपसांग और डेमचौक इलाकों में डिसएंगेजमेंट डील को आखिरी रूप प्रदान किया जा रहा है। चीन और भारत के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात से पहले ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हो चुकी थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत अपनी सरहद पर शांति और सुरक्षा स्थापित करना चाहता है किंतु अपने बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ जाकर कदापि कोई समझौता नहीं करेगा. अब आगे देखना होगा कि विस्तारवादी फितरत के देश चीन चार पाइंट फामूर्ले कितना अमल अंजाम देता है।

वैश्विक पटल पर आज के बेहद मुश्किल दौर में भारत को अपनी विदेश नीति एवं कूटनीति पर क्या फिर से विचार नहीं करना चाहिए? वैश्विक सैन्य संघर्ष पर भारत की तटस्थ खामोशी भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए क्या घातक सिद्ध नहीं हो रही है? फिलिस्तीन बनाम इस्राइल के जटिल सवाल पर भारत सदैव फलस्तीन और इस्राइल दो पृथक सार्वभौमिक प्रभुत्व संपन्न देशों की स्थापना का हिमायती रहा है। हमास बनाम इस्राइल जंग में गाजा पर ढाए गए नृशंस आक्रमणों का शांति प्रिय मानवतावादी देश भारत को क्या अपना पुरजोर विरोध दर्ज नहीं कराना चाहिए था? इसके उलट जब भी संयुक्त राष्ट्र के पटल पर गाजा में युद्ध विराम करने के प्रस्ताव पेश किए गए भारत ने इनका समर्थन करने के स्थान पर मतदान का बॉयकॉट किया। विश्व पटल पर सबसे भरोसेमंद दोस्त रूस को भारत ने तकरीबन चीन हाथों गंवा दिया है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

AI Overviews: AI ओवरव्यू को लेकर बवाल, गूगल के खिलाफ स्वतंत्र प्रकाशकों ने ठोकी शिकायत

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Heart Attack: सावधान! बिना चेतावनी भी आ सकता है हार्ट अटैक, जानें किसे है ज्यादा खतरा

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Bijnor News: आपस में टकराए तीन वाहन, चार लोग गंभीर

जनवाणी संवाददाता |नजीबाबाद: सोमवार की सुबह अचानक तीन वाहन...

Dharmendra: दिलीप कुमार की पुण्यतिथि पर धर्मेंद्र हुए भावुक, लिखा- आज का दिन…

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here