- भीषण गर्मी में सुलगने लगे वन जंगल, प्रशासन खामोश
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: भीषण गर्मी की शुरुआत होते ही हर वन आरक्षित क्षेत्र में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ने लगती हैं। मध्य गंगनहर का किनारा हो या फिर घने वन जंगलों में तो आग लगने के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। चिंता की बात ये है कि जंगल में आग लगने की ऐसी घटनाओं के बढ़ने के साथ ही इन पर नियंत्रण पाना भी बेहद मुश्किल होता जा रहा है। शुक्रवार देर रात मध्य गंगनहर किनारे निर्माणाधीन रेस्क्यू सेंटर के समीप वन जंगल घंटों सुलगते रहे, लेकिन विभागीय कर्मचारी कुंभकर्णी नींद में सो रहे थे। जंगलों में लगी आग से चारों ओर धुआं फैलने से वन सम्पदा नष्ट हो गई।
बिजनौर बैराज से गढ़मुक्तेश्वर तक 2073 वर्ग किलोमीटर में फैले वन जंगलों में तापमान में वृद्धि के साथ आग लगने के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। शुष्क मौसम के कारण वातावरण में नमी कम होने से जंगलों के धधकने का सिलसिला काफी तेज हो गया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक वन आरक्षित क्षेत्र में गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग की कई घटनाएं हो चुकी हैं। आग लगने की अधिकाशं घटनाएं सड़कों का आस पास होती नजर आ रही। आग की घटनाएं कई बार विकराल रूप भी ले लेती है। जिसमें वन संपदा के साथ जंगली जीवों को भी नुकसान होता है। आग से लाखों की वन सम्पदा जलकर रखा हो गई।