Thursday, September 12, 2024
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29 महीने में भी फाउंडेशन अधूरा, समय पर प्रोजेक्ट कैसे होगा पूरा?

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  • खेल विश्वविद्यालय: धीमी गति से चल रहा काम, खेल मंत्री ने जताई नाराजगी
  • निर्माण कार्य की समीक्षा करने पहुंचे मंत्री गिरीश चंद्र यादव

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: सोमवार को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री गिरीश चंद्र यादव मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के निर्माण की समीक्षा करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य का भौतिक निरीक्षण किया। साथ ही अधिकारियों के साथ मीटिंग करके प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। जलभराव के कारण मंत्री को मौके पर काम बंद मिला। कार्य धीमी गति से चलने पर मंत्री ने खासी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों व प्रोजेक्ट मैनेजर से काम में तेजी लाने को कहा। साथ ही हर महीने लक्ष्य बनाकर काम पूरा करने और प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने को कहा। यूनिवर्सिटी के फाउंडेशन का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। पाइलिंग के बाद अब बिल्डिंग निर्माण शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

बता दें कि सलावा और कैली गांव के बीच बनने वाले मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय यूपी के सरकार का ड्रीम प्रोजैक्ट है। सात सौ करोड़ रुपये के इस मेगा प्रोजेक्ट को 91 एकड़ भूमि पर उतारा जा रहा है, जिसमें युवाओं को खेल डिग्री, डिप्लोमा व पीएचडी करने का मौका मिलेगा। दो जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलावा पहुंच कर विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया था। जिसके बाद लंबे समय तक धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। जैसे तैसे जमीनी स्तर पर कंपनी ने कार्य शुरू किया। मगर वह भी धीमी गति से चल रहा है। करीब एक साल में मगर पाइलिंग पर ही काम चल रहा है।

फाउंडेशन का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है। सोमवार को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री गिरीश चंद्र यादव यूनिवर्सिटी निर्माण कार्य की समीक्षा करने पहुंचे। करीब 12.45 बजे मंत्री यहां आए। उन्होंने निर्माण का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान पाया कि पूरे परिसर में जलभराव हुआ है। काम भी बंद पड़ा है। पूछने पर बताया कि पानी निकासी के लिए पंप लगाए जा रहे हैं। धीमी गति से काम होने पर मंत्री ने नाराजगी जताई।

खेल विवि की बनायी जा रही भूकंपरोधी बिल्डिंग

अधिकारियों ने बताया कि पूरे परिसर में 1266 पाइलिंग की जा रही है। जिनमें 16 से 21 मीटर तक जमीन में सरिया उतारा जा रहा है। ताकि निर्माण के बाद बिल्डिंग को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचे। गंगनहर किनारे होने के कारण दलदली मिट्टी सबसे बड़ी चुनौती है। इस कारण फाउंडेशन को मजबूत बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था शिलान्यास

मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं किया था। शिलान्यास को करीब 2 साल 5 महीने बीत चुके हैं। लेकिन काम बहुत धीमा है। जबकि अगस्त 2025 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

खेल यूनिवर्सिटी एक, खूबियां अनेक

मेजर ध्यानचंद विश्वविद्यालय प्रदेश की पहले खेल यूनिवर्सिटी होगी, जिसमें आॅलंपिक स्तर के सभी खेलों के लिए ट्रैक, पूल, मैदान, रैंज आदि तैयार की जाएंगी। यहां खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही यूनिवर्सिटी से युवाओं को डिप्लोमा, डिग्री और पीएचडी तक करने का मौका मिलेगा।

ये होगी खेल विश्वविद्यालय में सुविधा

खेल विश्वविद्यालय में मिलने वाली सुविधाएं अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय होंगी। इसमें 100 व 400 मीटर के लिए एथलेटिक ट्रैक के साथ ही विभिन्न सुविधाएं दी जाएंगी। हॉकी के लिए बड़ा मैदान, चार लॉन टेनिस कोर्ट, चार वालीबॉल कोर्ट, दो बास्केटबॉल कोर्ट, दो हैंडबॉल कोर्ट, योगा हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, 100 व 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक भी बनाए जाएंगे।

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