- पदाधिकारी नारेबाजी करते हुए पहुंचे कलक्ट्रेट, किया नामांकन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रविवार को महापौर पद के लिए दोपहर बाद पहुंचे बसपा प्रत्याशी हशमत अली ने पर्चा दाखिल किया। इनके कुछ देर बाद पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी नसीम कुरैशी ने नामांकन पत्र दाखिल किया। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुक्ता चौधरी और विकास मावी ने अपने-अपने पर्चे दाखिल किए। बसपा प्रत्याशी हशमत अली के साथ पार्टी जिलाध्यक्ष मोहित आनन्द, उपाध्यक्ष शाहजहां सैफी, सचिव डा. ऋषि गौतम, मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम समेत अनेक पदाधिकारी नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे।
जहां नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए हशमत अली ने दलित-मुस्लिम गठबंधन के साथ-साथ सभी वर्गों का समर्थन मिलने की बात कही, और अपनी जीत का दावा किया। उन्होंने सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान को निशाने पर लेते हुए उन्हें बाहरी उम्मीदवार बताया।
हशमत अली ने कहा कि सीमा प्रधान केवल 30 हजार गुर्जर वोटों के दम पर चुनाव मैदान में उतरी हैं, लेकिन उनका मेरठ में कोई जनाधार नहीं है। उनके अपने गुर्जर समाज के लोग भी बसपा को समर्थन देने वाले हैं। हशमत अली ने कहा कि वे तीन बार पार्षद रह चुके हैं और उन्हें महानगर की जनता के बीच रहकर काम करने का अनुभव और समर्थन हासिल है।
इनके कुछ देर बाद नामांकन पत्र दाखिल करने आए कांग्रेस प्रत्याशी नसीम कुरैशी के साथ कलक्ट्रेट तक पार्टी की ओर से कोई चर्चित चेहरा नहीं पहुंचा। पर्चा दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि इस बार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हर वर्ग के लोग कांग्रेस को समर्थन देंगे। मुख्य मुकाबला भाजपा से बताते हुए उन्होंने कहा कि सपा प्रत्याशी को मेरठ की जनता पूरी तरह नकार देगी।
इन दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के अलावा दो दिन पूर्व न्याय पार्टी प्रत्याशी के रूप में फार्म ले जाने वालीं मुक्ता चौधरी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल किया है। जबकि रविवार को चौथा पर्चा दाखिल करने वाले विकास मावी ने भी स्वयं को निर्दलीय प्रत्याशी घोषित किया है।
हशमत ने खरीदा नया फार्म
रविवार को बसपा प्रत्याशी हशमत अली ने नया फार्म खरीदने के बाद उसे भरकर जमा कराया है। बताया गया कि पूर्व में खरीदे गए फार्म में कुछ त्रुटि होने के कारण रविवार को दूसरा फार्म खरीदकर भरा गया है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुरेन्द्र सिंह ने दो नामाकंन पत्र खरीदे हैं।
तीन बजे तक नामांकन कक्ष में पहुंचने वाले कर सकेंगे पर्चा दाखिल
आज यानि सोमवार को नामाकंन का आखिरी दिन पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती भरा होने वाला है। जिसमें कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा समेत विभिन्न दल और निर्दलीय प्रत्याशी अपने पर्चे दाखिल करने के लिए उमड़ेंगे। यानि नामांकन के लिए उमड़ने वाली प्रत्याशियों और समर्थकों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ 11 बजे से तीन बजे के बीच मात्र चार घंटे के दौरान इस कार्य को पूर्ण कराना होगा। इसके लिए व्यवस्था यह दी गई है कि तीन बजे तक जो लोग नामांकन के लिए संबंधित कक्ष में आ जाएंगे, उनके पर्चे दाखिल किए जा सकेंगे।
निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि रविवार होने के बावजूद इस बात की उम्मीद थी कि अंतिम से एक दिन पहले भारी संख्या में प्रत्याशी अपने पर्चे दाखिल करने के लिए आएंगे। लेकिन यह अनुमान सटीक नहीं हुआ। रविवार को नामांकन की समयावधि बीत जाने तक भाजपा की ओर से मेयर और पार्षद प्रत्याशियों के नाम घोषित न होने के कारण अब सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन ही भाजपा समेत अन्य बचे हुए दावेदार अपने-अपने पर्चे दाखिल करने के लिए पहुंचेंगे।
हालांकि नामांकन कक्ष में केवल चार लोगों के ही प्रवेश की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद अधिक प्रत्याशी होने पर और सबके दोपहर बाद आने का अनुमान होने के कारण अधिकारियों के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। सहायक निर्वाचन अधिकारी संदीप तालियान का कहना है कि इसमें यही व्यवस्था रहेगी कि कक्ष में जो प्रत्याशी तीन बजे तक प्रवेश कर लेंगे, उनके नामांकन पत्र जमा करा लिए जाएंगे।
वार्ड-58 से लड़ेंगे ‘हम’ प्रत्याशी सुमित शर्मा
एक सामाजिक संगठन ‘हम’ यानि हिन्दुस्तानी यूनिटी मिशन के कार्यकर्ता रविवार को वार्ड-58 से सुमित शर्मा का नामांकन करने के लिए पहुंचे, तो सबकी निगाहें उन पर ठहर गई। अपने संगठन की टी शर्ट पहनकर पहुंचे सुमित शर्मा और उनके साथियों ने बताया कि वे अपने वार्ड में कई साल से सेवा कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल के दौरान जहां तक संभव हुआ, वार्डवासियों को राहत सामग्री दिलाने की दिशा में कदम उठाया।
वार्ड में साफ-सफाई के लिए न केवल प्रयास किए, बल्कि अपने पैसों से मशीन खरीदकर फॉगिंग और छिड़काव कराते हुए मच्छरों के प्रकोप से निजात दिलाने का काम लगातार करते रहे हैं। इसका परिणाम यह रहा कि उनके क्षेत्र में सबसे कम संक्रामक रोग फैला है। सुमित बताते हैं कि पिछले चुनाव में उन्हें एक हजार वोट मिले थे। एक बार फिर वार्डवासियों की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने पार्षद पद का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।