जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कस्बा लावड़ में दो भाइयों के बीच बंटवारे के विवाद में सूचना पर पहुंचे चौकी के प्रशिक्षु दरोगा द्वारा दलित महिलाओं से मारपीट के मामले को एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में एसपी क्राइम की जांच रिपोर्ट आने के बाद एसएसपी ने लावड़ चौकी प्रभारी और इंचौली थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
कस्बा लावड़ के मोहल्ला जाटान निवासी सतपाल के पुत्र सुनील व सुशील के बीच गत मई को बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था। जिस पर सुनील ने सुशील के खिलाफ लावड़ चौकी प्रभारी इंद्रेश विक्रम सिंह को तहरीर दी थी। इस पर चौकी प्रभारी स्वयं मौके पर न जाकर ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित कुमार व सुमित गुप्ता को भेज दिया था। इसके बाद पुलिस सुशील को घर से खींचकर ले जाने लगी। इसका सुशील की वृद्ध मां और अन्य महिलाओं ने विरोध किया।
इस पर सुशील ने दरोगा को थप्पड़ मार दिया था। जिसके बाद दरोगा ने सुशील, उसकी पत्नी कविता तथा वृद्ध मां जगरोशनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। जमानत से छूटने के पीड़ित पक्ष ने महिलाओं से मारपीट की वीडियो वायरल हुई थी। इस पर गत नौ मई को भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष आदेश के नेतृत्व में पीड़ित परिवार ने एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया था जबकि दस मई को सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। सपा विधायक के साथ-साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने वीडियो के साथ एक्स पर ट्विट करते हुए उप्र पुलिस पर सवाल उठाए थे। इससे मामला गर्मा गया था। इस मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने एसपी क्राइम अवनीश कुमार को जांच सौंपी थी। एसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी। रविवार देर रात एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने मामले में कार्रवाई करते हुए इंचौली थाना प्रभारी नितिन पांडेय, लावड़ चौकी प्रभारी इंद्रेश विक्रम सिंह, सब इंस्पेक्टर सुमित गुप्ता, सब इंस्पेक्टर पवन सैनी तथा आरक्षी वसीम को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।