- मृतक के परिजनों ने दारोगा पर लगाया आरोपियों से सेटिंग का आरोप
- मुकदमा दर्ज होने के बाद नहीं की थी कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खाकी की कार्य प्रणाली से तंग आकर युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। टीपीनगर थाना क्षेत्र में कुछ दिन पहले हुए ‘हार्पिक कांड’ के पीड़ित युवक ने शनिवार को अपने कारखाने में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना की जानकारी लगने के बाद परिजनों कोहराम मच गया। मृतक के परिजनो ने युवक की पत्नी व परिजनों उकसाने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया।
बताते चले कि कुछ दिन पहले मलियाना निवासी शादाब के पड़ोसियों और परिजनों ने उसकी पत्नी चांदनी को प्रेमी डा. वसीम के साथ घर में रंगरलिया मनाते दबोच लिया था। वहीं, शादाब और उसके बच्चे घर में बेहोश मिले थे। होश में आने पर शादाब ने अपनी पत्नी पर अपने गुप्तांग पर हार्पिक डालकर खुद को नपुंसक बनाए जाने के प्रयास का आरोप लगाया था। शादाब ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
शनिवार शाम शादाब ने गुरुनानक नगर स्थित अपने कारखाने में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। उधर, मौके पर पहुंची पुलिस ने शादाब के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक के भाई मोहसीन का आरोप है कि शादाब की पत्नी और उसके मायके वालों सहित महिला का प्रेमी डॉक्टर वसीम और उसके घर वाले शादाब पर समझौते का दबाव बना रहे थे।
इतना ही नहीं महिला और शादाब को उसके नपुंसक होने के ताने दे रहे थे। जिससे डिप्रेशन में आकर युवक ने खुदकुशी कर ली। परिजनों ने मुकदमे की विवेचना कर रहे दारोगा अशोक कुमार पर भी इस मामले में आरोपियों सेटिंग का आरोप लगाया है। अगर पुलिस मद्द करती उनका भाई फांसी नहीं लगाता। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
उधर, सीओ ब्रह्मपुरी अमित राय का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल की जा रही है। दारोगा पर लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी। मृतक के परिजनों की ओर तहरीर दी गई। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी कर चुके हैं दो लोग आत्मदाह
शादाब की आत्महत्या की घटना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है। शादाब पिछले 26 सितंबर से अपनी पत्नी और उसके प्रेमी को लेकर परेशान था। शादाब के गुप्तांग में तेजाब उडेÞलने की घटना की रिपोर्ट भी पुलिस ने दर्ज नहीं की थी। तब से पीड़ित शादाब लगातार टीपी नगर थाने के चक्कर लगा रहा था, लेकिन पुलिस उसको गाली-गलौज कर मलियाना चौकी और थाने से भगा देती थी।
शादाब ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अपने परिजनों को भी बताया था। शादाब के भाई मोहसिन भी इस प्रकरण को लेकर टीपी नगर एसओ से मिला था और आरोपी डा. वसीम और चांदनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका से त्रस्त होकर शादाब ने शनिवार को अपनी फैक्ट्री में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस की भूमिका को लेकर टीपी नगर थाना काफी बदनाम है। क्योंकि इस तरह की तीन घटनाएं टीपी नगर थाना क्षेत्र में पहले भी हो चुकी है। करीब एक वर्ष पहले शताब्दीनगर के व्यक्ति ने पुलिस की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर थाने पहुंचकर खुद को आग लगा ली थी।
इस व्यक्ति की तीन दिन बाद मौत हो गई थी। आत्मदाह के इस मामले में भी पुलिस ने खूब लीपापोती कर दी थी। कहा गया था कि आत्मदाह करने वाला व्यक्ति अर्धविक्षिप्त था। कभी उसे अपराधी बताया गया। इस आत्मदाह की घटना के बाद मलियाना पुल के नीचे दारोगा की दबंगई से त्रस्त टेम्पो यूनियन के अध्यक्ष अश्वनी लोधी ने भी पुलिस कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर आत्मदाह कर लिया था।
आत्मदाह की यह घटना बेहद लोमहर्षक थी। दोनों आत्मदाह की घटनाओं ने लोगों को हिला कर रख दिया था। इन दोनों ही घटनाओं में पुलिस ने अपना बचाव किया और मामले को रफा-दफा कर दिया। अब शादाब की आत्महत्या की तीसरी घटना है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रही है।