- दोनों नदियों का बढ़ा जलस्तर, गंगा में 50 हजार क्यूसेक और यमुना नदी में चल रहा 1.95 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पहाड़ों में हो रही बारिश से गंगा और यमुना नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर मैदानी इलाकों पर पड़ रहा है। इसके कारण हस्तिनापुर से होकर गुजर रही गंगा और बागपत से होकर गुजर रही यमुना नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया, जिसके बाद प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया हैं।
नदियों में जलस्तर बढ़ने से जहां एक ओर हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गर्इं हैं। वहीं, गंगा के समीप बसे गांवों का जनजीवन बारिश से अस्तव्यस्त हो गया हैं। गंगा नदी में रविवार को 50 हजार क्यूसेक पानी हो गया। हालांकि एक लाख क्यूसेक तक किसी तरह का खतरा नहीं हैं, लेकिन रविवार को हुई बारिश से सोमवार की शाम तक जल स्तर और भी बढ़ जाएगा।
चीफ इंजीनियर गंगा संदीप कुमार के अनुसार गंगा में 50 हजार क्यूसेक और यमुना नदी में 1.95 लाख क्यूसेक पानी हो गया हैं, जिसके बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया हैं। यमुना नदी से सटे गांवों में अलर्ट कर दिया गया हैं। कोई भी यमुना में नहीं पहुंचे, ऐसे में कोई भी दुर्घटना हो सकती हैं। उधर, मुरादाबाद क्षेत्र में रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी गांवों में प्रवेश कर गया है।
रामगंगा के तटवर्ती व खादर क्षेत्र में बसे करीब 15-16 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। सड़कों और खेतों में जलभराव होने से फसल नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई है। यमुना नदी शामली, बागपत जनपद से होकर जा रही हैं। इसमें जल स्तर अचानक बढ़ा हैं। चीफ इंजीनियर गंगा संदीप कुमार का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में भी बारिश हो रही हैं, जिसके चलते जल स्तर नदियों का बढ़ रहा हैं।
दो दिन पहले तक यमुना नदी का जल स्तर 46 हजार क्यूसेक था, जो वर्तमान में 1.95 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया हैं। इसी तरह से गंगा नदी में 45 हजार क्यूसेक पानी दो दिन पहले था, जो वर्तमान में 50 हजार क्यूसेक प्लस पानी हो गया हैं। अगले दो दिन में बारिश ज्यादा हो सकती हैं, जिसके बाद नदियों का पानी बढ़ जाएगा। इसी वजह से प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया हैं।
हस्तिनापुर खादर में बाढ़ के हालत
हस्तिनापुर : शुक्रवार देर रात शुरू हुई बरसात ने शनिवार सुबह से रफ्तार पकड़ी वह रविवार तक जारी रही। दो दिन से हो रही बरसात ने गंगा किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ जैसे हालत बना दिये हैं। खादर की अधिकांश सड़कें जलमग्न होने से ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतें हो रही है। बाढ़ के बिना ही गंगा की तलहटी में बसे अधिकांश गांवों के हालत बाढ़ जैसे नजर आने लगे हैं। बारिश की सबसे अधिक मार किसानों पर पड़ी है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसान बेहद परेशान हैं।
खादर क्षेत्र के अधिकांश चारागाहों में बरसात का पानी भरा है। जिसके चलते पशुओं को चारे की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। गंगा किनारे बसे फतेहपुर प्रेम, सिरजेपुर, हंसापुर परसापुर, दबखेड़ी, भीकुंड, खेड़ीकलां, बधुवा, बधुवी आदि गांवों में रहने वाले लोगों का कहना है कि बरसात के चलते सड़कें और खेत जलमग्न है। पशुओं के लिए चारा जुटाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
गंगा में डिस्चार्ज महज 50 हजार क्यूसेक
गंगा में एक लाख से अधिक पानी का डिस्चार्ज होने के बाद ही गंगा का पानी किनारे तोड़कर बाहर आता है। जिसके बाद खादर में बाढ़ के हालत पैदा होने लगते हैं, लेकिन इस समय गंगा में पानी का डिस्चार्ज 50 हजार क्यूसेक ही चल रहा है, जोकि सामान्य है, लेकिन दो दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बरसात से गंगा किनारे बसे अधिकांश गांवों के हालत बाढ़ जैसे हो गये हैं।