- गंगनहर में जलस्तर बढ़ने से बढ़ता जा रहा खतरा
- एनएचएआई ने अभी तक नहीं लिया संज्ञान, एसडीएम ने लिया पुल का जायजा
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: लगातार हो रही बारिश से गंगनहर का जल स्तर भी बढ़ता जा रहा है। बढ़ते जल स्तर से नानू पुल पर मिट्टी का कटान होने लगा है। इसी के साथ नवनिर्मित पुलि की रेलिंग में भी दरार आ गई है। रेलिंग एक ओर झुकती जा रही है। जिससे पुलिस को नुकसान होने की खतरा बढ़ गया है। डीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि एनएचएआई द्वारा अभी तक मौक्े पर पहुंच कर कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है।
पिछले कई दिन से लगातार बारिश का सिलसिला चल रहा है। कई दिन से हो रही बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मेरठ-करनाल हाइवे पर बने नानू पुल भी खतरे में आ गया है। दरअसल, कई दिन से हो रही बारिश के चलते गंगनहर का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। इस कारण नानू के निकट नए और पुराने पुल के बीच किए गए मिट्टी के भराव में लगातार कटान हो रहा है। मिट्टी बैठने के चलते पुल पर भी इसका असर हो रहा है। पुल की रेलिंग में दरार आ गई है।
इतना ही नहीं रेलिंग की दीवार एक ओर झुक गई है। जिससे रेलिंग गिरने का खतरा बन गया है। इतना ही रेलिंग की बराबर में एप्रोच रोड में भी गड्ढा और दरार हो गई है। मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। डीएम दीपक मीणा खुद मामले का संज्ञान ले रहे हैं। रात में डीएम ने पुल का दौरा किया। वहीं, रविवार सुबह एसडीएम जागृति अवस्थी व तहसीलदार नटवर सिंह ने नानू पुल पर पहुंच कर रेलिंग का जायजा लिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि समस्या के समाधान के लिए टीम लगाई गई है। हालांकि एनएचएआई द्वारा अभी तक कोई टीम यहां नहीं पहुंची है। ऐसे में यदि बारिश नहीं रुकी तो पुल को अधिक नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में एसडीएम जागृति अवस्थी का कहना है कि एनएचएआई के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। शीघ्र व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी।
बरसात में भी चलता रहा एप्रोच रोड का कार्य
हस्तिनापुर: दो सप्ताह पूर्व गंगा के जलस्तर में वृद्धि के चलते राज्य मार्ग-147 पर भीकुंड के समीप बने गंगा पुल की एप्रोच रोड धराशाई हो गई थी। ग्राामीणों ने आलाधिकारियों से मामले की शिकायत की तो लोक निर्माण विभाग की नींद टूटी। जिसके बाद लगभग एक सप्ताह पूर्व शासन और आलाधिकारियों के निर्देश पर एप्रोच रोड दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया। क्षतिग्रस्त एप्रोच रोड पर मिट्टी डालने के बाद एप्रोच रोड हल्के आवागमन के लिए सुचारू हो गई।
बता दे कि मेरठ, मुरादाबाद, बिजनौर जनपद की सीमाओं को जोड़ने के लिए राज्य मार्ग-147 पर भीकुंड के समीप पुल का निर्माण 2008 में शुरू हुआ था, जोकि आज तक पूरा नहीं हो सका। लगभग दो सप्ताह पूर्व राज्य मार्ग-147 पर भीकुंड पुल से चांदपुर की ओर जाने वाली एप्रोच रोड धराशाई हो गई थी। जिसके चलते ग्रामीणों को आवागमन की समस्याओं से जूझना पड़ रहा था। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और एप्रोच रोड दुरुस्त कराने के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू कराया। जिसके बाद देर शाम तक एप्रोच रोड हल्के आवागमन के लिए सुचारू हो गई।
शनिवार को हुई तेज बरसात से एप्रोच रोड पर कटान होने लगा। जिसके चलते आवागमन फिर बाधित हो गया। तीन जनपदों के साथ 100 गांवों का आवागमन बंद होने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। आलाधिकारियों के दिशा निर्देश पर रविवार को भारी बरसात के बाद भी एप्रोच रोड दुरुस्त करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहा। देर शाम तक एप्रोच रोड पर फिर से हल्के वाहनों को आवागमन सुचारू हो गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
अंडरपास की दीवारें गिरी
दौराला: लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सकौती रेलवे निर्मित अंडरपास की चारों तरफ की दीवार अचानक गिर गई है। जिसके चलते बाजार में बनी दुकानों में दरार आ गई है। स्थानीय व्यापारियों को दुकान गिरने का खतरा है। जिससे व्यापारी दहशत में है। पानी और जलभराव के कारण स्थानीय व्यापारियों ने रविवार को प्रतिष्ठान बंद रखे। अब निकलने का और आने-जाने का रास्ता भी नहीं बचा है। लोगों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की है।
उधर कांवड़ यात्रा के दोरान निरीक्षण करने आए एडीजी राजीव सब्बरवाल और एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव ने जलभराव को देखकर नाराजगी जताई और साथ ही एसडीएम सरधना को पंप लगाकर पानी निकालने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने शीघ्र समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस सम्बंध में एसडीएम सरधना जागृति अवस्थी ने बताया कि जल्द ही पानी निकासी का निस्तारण किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।