- पहाड़ों से आए सिल्ट ने कराया गंगनहर में पानी बंद
- मुजफ्फरनगर में पुलिया का मलबा भी बना बाधक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हरिद्वार से आने वाली गंगनहर में भारी बारिश के दौरान बहुत अधिक मात्रा में सिल्ट आ जाने के कारण तीन दिन तक पानी बंद करना पड़ा, जिसके कारण मेरठ महानगर के लोग इस अवधि में गंगाजल की आपूर्ति से वंचित रह गए। इस दौरान मुजफ्फरनगर में हाइवे पर एक पुलिया धंस जाने के कारण उसका मलबा भी पानी की आपूर्ति बंद रखे जाने का कारण बना रहा। अब मंगलवार से गंगनहर में पानी छोड़ दिया जाएगा, जिसके बाद मेरठ महानगर के लोगों को गंगाजल की आपूर्ति की जा सकेगी।
शनिवार से मेरठ महानगर में भोला प्लांट से की जाने वाली गंगाजल की आपूर्ति ठप होकर रह गई है। कयास यह लगाए गए थे कि दशहरे से पहले ही गंगनहर में पानी बंद देने के कारण महानगर के लोगों को गंगाजल की आपूर्ति से वंचित होना पड़ गया है। दरअसल आम तौर पर गंगनहर की सफाई आदि कार्यों के लिए हरिद्वार से गंगनहर में पानी की आपूर्ति दशहरे से दीपावली के बीच रोक दी जाती है,
लेकिन इस बार सितंबर के दूसरे पखवाड़े में हुई भारी बारिश में पहाड़ों से गिरी सिल्ट गंगनहर के पानी में मिल जाने के कारण आपर्ति 24 सितंबर यानी शनिवार को ही रोक देने का निर्णय लिया गया। इससे पहले यही माना गया कि सिंचाई विभाग ने गंगनहर की सफाई के लिए इस बार दशहरा से करीब 12 दिन पहले नहर का पानी रोक दिया गया। सोमवार को सिंचाई विभाग के अधीशासी अभियंता एनके लांबा ने स्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने बताया कि गंगनहर की सफाई का काम करने के लिए पानी बंद करने की योजना दशहरे से दीपावली तक ही बनाई गई है। जिसकी अधीकृत जानकारी बाद में दी जाएगी। वर्तमान में गंगनहर के पानी में अधिक मात्रा में सिल्ट आ जाने के कारण शनिवार को पानी रोक देने का निर्णय उच्च स्तर से लिया गया था। यह पानी सोमवार से छोड़ा जाना था, लेकिन मुजफ्फरनगर में हाइवे पर एक पुलिया के धंस जाने और उसका मलवा गंगनहर में गिर जाने के कारण एक दिन और पानी बंद रखने का निर्णय लिया गया।
अधीशासी अभियंता एनके लांबा ने आश्वस्त किया कि मंगलवार से गंगनहर में पानी छोड़ दिया जाएगा। वहीं नगर निगम में जलकल विभाग के जेई दुष्यंत वत्स ने बताया कि शनिवार से पंपों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि गंगनहर में पानी आ जाने के साथ ही भोला प्लांट से गंगाजल की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।