- पहले दिन माता के प्रथम दिव्य स्वरूप शैलपुत्री की हुई आराधना
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शारदीय नवरात्र के पहले ही दिन मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की कतारें लगीं। कोरोना के कारण दो साल मंदिरों में श्रृद्धा का वेग उत्साह के साथ उमड़ा। शहरभर के मंदिरों में माता का भव्य शृंगार कर आरती की गई। शहर से लेकर देहात तक मां भगवती की उपासना हुई। घरों में भी लोगों ने भक्तिभाव से कलश स्थापित कर आराधना की।
लालकुर्ती स्थित श्री रामा संकीर्तन मंदिर में मां शैलपुत्री के पूजन के साथ घटस्थापना पंडित सूरज भट्ट द्वारा वीनू मिर्ग, कमलेश आर्य, कविता मारवाह, नवीना छाबड़ा, सीमा कपूर आदि से विधान से करवाई गई। ज्वाला जी से लाई गई ज्योत के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
‘पानी में ज्योत जलाई, तेरी जय हो ज्वाला माई…, मैया हम तो दीवाने तेरे नाम के… से चंद्रकांता, मंजू मारवाह, आशा आसीवाल आदि ने माता का रूप धरने वाली नन्ही गौरी ठाकुर की आराधना की। महामंत्री सुरेश छाबड़ा ने बताया कि मां शैलपुत्री प्रकृति और परिवर्तन की देवी हैं और सबको अन्न-धन्न देती हैं। उन्होंने सभी का अभिनंदन किया।
औघड़नाथ मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ. महेश बंसल, महामंत्री सतीश सिंघल, उपाध्यक्ष धीरेंद्र सिंघल, कोषाध्यक्ष अतुल अग्रवाल, मंत्री सुनील गोयल, अनिल सिंघल, अमित अग्रवाल का सहयोग रहा। सदर काली माई मंदिर में तड़के से श्रद्धालुओं की कतारें लगी। मुख्य पुजारी सोंकेत बनर्जी ने माता का शृंगार कर आरती की।
सेवक गोल्डी मल्होत्रा ने टीम संग व्यवस्था संभाली। शाम को ढोल नगाड़ों के साथ माता की आरती की गई। विशेष रूप से नवयुगलो ने माता के दर्शन कर भावी दांपत्य की कामना की। मनसा देवी मंदिर कालिया गढ़ी में मां भगवती के प्रथम दिव्य स्वरूप मां शैलपुत्री की भक्ति भाव से आराधना हुई।
पंडित भगवत गिरी ने माता का शृंगार कर महिमा बताई। गोल मंदिर में भव्य आकर्षक लाइटिंग से मंदिर नहा उठा। सुबह से मंदिर में भक्ति व आस्था का संगम हुआ। गोल मंदिर सेवा समिति की ओर से जुटे युवकों ने व्यवस्था सम्भाली। ऐसे ही मंशा देवी मंदिर और सदर स्थित काली माई मंदिर के बाहर भी मेले जैसा माहौल रहा।
इसके साथ वेस्ट एंड रोड स्थित शाकुंभरी माता मंदिर, माता अन्नपूर्ण मंदिर, झारखंडी महादेव मंदिर नगर निगम परिसर, भोलेश्वर मंदिर नई सड़क, बाबा मनोहर नाथ मंदिर, चंडी देवी मंदिर में भी पूजन हुआ।