Wednesday, July 3, 2024
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गौतम नवलखा केस: हाउस अरेस्ट की औपचारिकताओं पर सुनवाई

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी गौतम नवलखा को जेल से बाहर घर में नजरबंद रखने संबंधी औपचारिकताओं को लेकर मंगलवार कार्यवाही हुई। इस संबंध में उसे मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। इतना ही नहीं, इस मामले के अन्य आरोपियों को भी आज अदालत के सामने नियमित सुनवाई के लिए लाया गया था।

गौरतलब है कि गौतम नवलखा, सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिलने के बाद भी अब तक जेल में ही है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कई शर्तों के तहत जेल से बाहर घर में नजरबंद रखने के लिए आदेश दिया था। उन्हें अब तक जेल में रखने के पीछे का कारण रिहाई की औपचारिकताओं का प्रक्रियाधीन होना है। इस बीच यह भी सामने आया था कि सत्र अदालत के रजिस्ट्री विभाग ने नवलखा के वकील द्वारा एससी-सेट शर्तों के तहत जमा किए गए ज़मानत पत्रों पर कुछ आपत्तियां भी उठाई थीं।

दरअसल, पांच दिन पहले यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि नवलखा को तलोजा जेल से रिहा करके नजरबंद रखा जाए। अदालत ने नवलखा के स्वास्थ्य कारणों के चलते ये राहत दी थी। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने कई शर्तें भी तय की हैं। नवलखा के वकील ने जानकारी दी कि नवलखा की जेल से रिहाई की औपचारिकताएं सोमवार को मुंबई में एक विशेष एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अदालत के समक्ष शुरू की गईं। ये अदालत ही उनके खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, अदालत ने नवलखा को अपनी पार्टनर सहबा हुसैन के साथ रहने की इजाजत दे दी है। नवलखा को पुलिस अधिकारियों की ओर से मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वह रोजाना पांच मिनट अपने परिवार से बात कर सकेंगे। वहीं, पुलिस अधिकारियों को फोन कॉल की निगरानी करने और रिकॉर्ड रखने का अधिकार दिया गया है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने आदेश दिया कि खर्च का ड्राफ्ट पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में जमा कराया जाए।

बता दें कि गौतम नवलखा नवी मुंबई में एक महीने के लिए नजरबंद रहेंगे। अदालत नवलखा के मुंबई में रहने के लिए कई शर्तें लगाई थी, जिनमें सुरक्षा के लिए 2.4 लाख रुपये जमा करने, कमरों के बाहर और आवास के प्रवेश एवं निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है। इस दौरान वह किसी भी तरह के संचार उपकरण यानी लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा वह न तो मीडिया से बात करेंगे और न ही मामले से जुड़े लोगों और गवाहों से बातचीत करेंगे।

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