- सच्चे मन से मांगी मनोकामना होती है पूर्ण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लालकुर्ती स्थित शक्तिधाम मंदिर में लोगों को आत्मिक सुख मिलता है। माता के दरबार के सामने बैठते ही सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं। सच्चे मन से जो भी मनोकामना मांगो पूर्ण होती है। माता के दरबार से कोई भी आज तक खाली नहीं गया, जिसने भी जो मनोकामना मांगी वह पूर्ण हुई है।
लोगों के ऊपर आती है देवी
शक्तिधाम मंदिर में ऐसी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से मां की आराधना करता है। उसके ऊपर माता आ जाती है। इसी कारण इसका नाम शक्तिधाम नाम पड़ा। इसलिए यह मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। मंदिर के मुख्य पुजारी नीरजमणि महाराज के बारे में भक्तों का कहना है कि नीरजमणि महाराज जब आठ वर्ष की आयु के थे, तब से उनके ऊपरी देवी आती हैं।
उनको ही माता ने इस स्थान पर मंदिर का निर्माण कराने के लिए कहा है। 30 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। यानि शक्ति धाम मंदिर का वर्तमान स्वरूप 24 अक्टूबर 1989 में जीर्णोद्धार के बाद अस्तित्व में आया। प्रत्येक रविवार और शुक्रवार को मंदिर में ध्यान और संकीर्तन होता है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा रजबन में वृद्धाश्रम संचालित किया जा रहा है।
आस्था का केंद्र है मंदिर
मंदिर का निर्माण भगत नीरज मणि ऋषि ने कराया। स्पोर्ट्स गुड्स के व्यवसायी मोहन लाल और रामा देवी के यहां 1961 में जन्में नीरज के मन में बचपन से ही श्रद्धा के अंकुर थे। स्वामी सत्यानंद महाराज के परम शिष्य रामप्रकाश ब्रह्माचारी ने उनकी भक्ति को पुष्पित, पल्लवित कर भावों को समझा।
मां गार्गी की कृपा व प्रेरणा से उन्होंने निष्काम सेवा व सत्संग शुरू कर दिए। सत्संग के लिए भगत जी ने 1989 में मंदिर का निर्माण कराया। पिछले डेढ़ दशक से मंदिर आसपास के क्षेत्र में आस्था का केंद्र बना हुआ है। लोग दूर-दूर से यहां मनोकामना लेकर आते हैं।
रोजाना होता है संकीर्तन
मंदिर में रोजाना संकीर्तन होता है। इसमें भगत नीरज मणि स्वयं माता की मधुर भेटें गाकर भक्तिरस की वर्षा करते हैं। इसके अलावा महिला संकीर्तन मंडली भी मधुर भजन गाकर अध्यात्म का संचार करती है। पूरे साल मंदिर में रोजाना संकीर्तन होता है। नवरात्र के दिनों में संकीर्तन में भारी संख्या में श्रद्धालु शिरकत करते हैं। इसमें शहरभर से लोग भक्तिरस का पान करने जुटते हैं।
मां के दर्शन मात्र से ही दूर हो जाते हैं सभी कष्ट
मेरठ ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व रखने वाला शहर है। यहां देवालय और उनमें विराजे भगवान भक्तों का कष्ट हरकर सुख, शांति एवं समृद्धि देते हैं। नवरात्र में तो देवी मंदिरों मे विशेष अनुकंपा बरसती है। ऐसे ही लालकुर्ती स्थित शक्तिधाम मंदिर की महिमा है। मंदिर में माता के दर्शन मात्र से ही कष्टों का निदान हो जाता है।
ऐसे पहुंचे मंदिर
लालकुर्ती में मां जगदम्बा के दिव्य स्वरूप को अंगीकार करता मंदिर शक्तिधाम शहर के बीचों बीच है। जीरो माइल्स, माल रोड, बेगमपुल, सदर, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड, मवाना आदि किसी भी स्थान से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। परिवहन के सुलभ साधनों से मंदिर आ सकते हैं।