- राष्ट्रपति से द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर वुशू संघ में हर्ष का माहौल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वुशू में देश की पूरे विश्व में धाक जमाने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले राष्ट्रीय कोच कुलदीप हांडू को शनिवार को देश के राष्ट्रपति के हाथों द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने से न केवल वुशू संघ बल्कि खेल जगत के तमाम लोगों में हर्ष का माहौल बन गया है। पुरस्कार मिलने के बाद कुलदीप हांडू ने कहा कि अब ओलंपिक और एशियन गेम में गोल्ड मेडल दिलवाना लक्ष्य बन गया है।
चार सालों से द्रोणाचार्य पुरस्कार का इंतजार कर रहे पुलिस अधिकारी कुलदीप हांडू का सपना पूरा हो गया। चंडीगढ़ के एनआईसी में आयोजित कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने वर्चुअल कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किया तो खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
एनआईसी में मौजूद वुशू संघ के सीईओ सुहैल अहमद, सुदर्शन आदि पदाधिकारियों ने बधाई दी। बचपन में कराटे चैम्पियन ब्रूस ली की फिल्में देखकर वुशू की तरफ आकर्षित हुए कुलदीप हांडू मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के रहने वाले है। लगातार ग्यारह बार वुशू के नेशनल चैम्पियन रहने के बाद हांडू ने कोचिंग के क्षेत्र कदम बढ़ाया।
द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता कुलदीप हांडू को यह पुरस्कार उनकी जबरदस्त मेहनत और हाईटेक्निक वाली कोचिंग के कारण मिला है। एक शानदार खिलाड़ी और शानदार कोच हांडू ने देश को 80 से ज्यादा पदक इंटरनेशनल लेवल पर दिलवाए है। उन्होंने देश को एशियन चैंपियनशिप में 9 गोल्ड, वर्ल्ड चैंपियनशिप में 28 मैडल, वर्ल्ड कप में 17 मेडल, एशियाई खेलों में 24 मेडल इनके खिलाड़िओं ने जीते।
यही नहीं सैफ वुशू में सात बार से ओवरआल चैंपियन है। पुरस्कार हासिल करने के बाद कुलदीप ने बताया कि अब जिम्मेदारियां बढ़ गई है। आगामी ओलंपिक और एशियन गेम में स्वर्ण पदक दिलवाना है। बताया कि पुरस्कार मिलने के बाद पत्नी भवनीत कौर ने बधाई दी। पूरा परिवार और वुशू संघ के अलावा पुलिस विभाग से बधाइयां मिल रही है।
वुशू संघ के लिए गौरव की बात
भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा का कहना है कि कुलदीप हांडू के द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने से खिलाड़िओं को नई ऊर्जा मिलेगी। यह वुशू संघ के लिए गौरव की बात भी है। उम्मीद है कि हांडू देश के लिए और भी बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करेंगे।
उत्कृष्ट कोचिंग से भारतीय खिलाड़ियों का गौरव बढ़ा
वहीं संघ के महासचिव जितेन्द्र सिंह बाजवा का कहना है कि कुलदीप की उत्कृष्ट कोचिंग के कारण ही पूरी दुनिया में भारतीय खिलाड़ियों का गौरव बढ़ा है और द्रोणाचार्य अवार्ड ने वुशू संघ का नाम रोशन कर दिया है।