- टिहरी बांध से मेरठ खंड के लिए गंगनहर में तीन हजार क्यूसेक छोड़ा जाता है पानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: टिहरी बांध से जलापूर्ति बंद करने का निर्णय 31 मई तक के लिए टाल दिए जाने से किसानों ने खेतों की सिंचाई में राहत महसूस की है। विभाग का दावा है कि टिहरी बांध से मिलने वाले पानी की बदौलत सभी 72 रजवाहों में एक साथ पानी छोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि टिहरी बांध से मेरठ खंड के लिए गंगनहर में तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। जबकि शेष पानी अलकनंदा और भागीरथी नदियों से मिलता है। इसके स्थान पर चार-पांच दिनों से टिहरी बांध से 500 क्यूसेक अधिक यानि 3500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार मेरठ खंड के लिए 13 हजार क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। जिसमें से 700 क्यूसेक एबी, 500 क्यूसेक देवबंद, 500 क्यूसेक देवबंद समानांतर, 1500 क्यूसेक अनूपशहर, 5000 क्यूसेक आगरा-मथुरा मंडल, 1200 क्यूसेक मेरठ-दिल्ली और 1000 क्यूसेक पानी मुजफ्फरनगर को दिया जाता है। वर्तमान में 13 हजार क्यूसेक पानी की आपूर्ति होने के कारण संबंधित सभी 72 रजवाहों को बराबर पानी उपलब्ध होने से किसानों को राहत मिली है।
पहले टिहरी बांध को अपग्रेड करने के लिए 14 मई से पानी की आपूर्ति बंद करने की निर्णय लिया गया था। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों और किसानों की मांग और खरीफ की फसलों को पानी देने के संबंध में उच्चाधिकारियों के बीच वार्ता हुई। जिसमें टिहरी बांध से 31 मई तक पानी की आपूर्ति जारी रखने और संयंत्र को अपग्रेड करने का काम 31 मई के बाद कराने का निर्णय लिया गया।