- सिंचाई राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने की विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा
- मुजफ्फरनगर सीमा से चेतावाला पुल तक बनेगा 11 किमी लंबा पक्का बांध
जनवाणी संवाददाता|
मेरठ: जलशक्ति एवं सिंचाई राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने मंगलवार को जनपद का दौरा कर सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
मंत्री ने जनपद में हस्तिनापुर खादर क्षेत्र में पक्का बांध बनवाने के लिए तथा कटाव निरोधक कार्यों के लिए परियोजना बनाकर शासन को भेजने के लिए निर्देशित किया ताकि उसकी स्वीकृति के संबंध मेें अग्रेत्तर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने अन्य विकास कार्यों व बाढ़ राहत कार्याें की भी समीक्षा की।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा हस्तिनापुर में तटबंध बनवाने के लिए मांग पत्र भी मंत्री को दिया। राज्यमंत्री के समक्ष सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया कि हस्तिनापुर खादर क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष जल स्तर बढ़ने पर कच्चा बांध जगह-जगह से टूट जाता है।
जिससे समीपवर्ती ग्रामों में जलस्तर बढ़ जाता है और ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी संबंध में एक मांग पत्र जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविन्दर सिंह द्वारा भी राज्यमंत्री को दिया गया।
इस पर राज्यमंत्री ने कहा कि पक्का बांध बनवाने व कटाव निरोधक कार्यों के लिए परियोजना बनाकर शासन को भेजी जाये, जिसकी स्वीकृति आदि कार्य कराये जायेंगे।
राज्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने फतेहपुर प्रेम ग्राम में कराये जा रहे कटाव निरोधक कार्य के बारे में जानकारी ली।
कहा कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जायेगी। इसके लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे वह उठाये जायेंगें। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि नहर से टेल तक पानी पहुंच रहा है या नहीं। जिस पर अधिकारियों ने अवगत कराया कि टेल तक पानी पहुंच रहा है।
अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग पीके जैन ने बताया कि पक्का बांध मुजफ्फरनगर सीमा से चेतावाला पुल तक होगा जिसकी अनुमानित लंबाई करीब 11 किमी होगी। इसकी परियोजना तथा कटाव निरोध कार्यों की परियोजना बनाकर शासन को भेजी जायेगी।
फतेहपुर प्रेम ग्राम में 900 मीटर का कटाव निरोधक कार्य कराया जा रहा है जिसकी लागत करीब आठ करोड़ है। यह कार्य 35 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में अस्थायी/कच्चे बांध के क्षतिग्रस्त होने पर दो ग्रामों में थोडा जलस्तर बढ़ा जो कि धीरे-धीरे स्वत: कम हो रहा है। गंगा किनारे करीब 37 गांव है।