- कोरोना के चलते दो साल से नहीं लग पाया ऐतिहासिक नौचंदी मेला
- जिला पंचायत की ओर से होली के बाद तय की जायेगी रणनीति
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सबकुछ ठीक रहा तो इस बार नौचंदी मेला भव्य और ऐतिहासिक होगा। पिछले दो साल से कोरोना के चलते मेले का आयोजन नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार मेले को लेकर पूरी तैयारी है। इस बार जिला पंचायत की ओर से मेले का आयोजन होना है।
वर्तमान हालातों को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार मेले का आयोजन होगा और अन्य सालों के मुकाबले और भी भव्य तरीके से मेले का आयोजन किया जायेगा। पिछले साल मेला आयोजन का जिम्मा नगर निगम के जिम्मे था, लेकिन कोरोना के चलते मेला नहीं लगा। इस साल जिला पंचायत की बारी है और हालात भी जिला पंचायत के साथ है। जिससे मेले के आयोजन के पूरे आसार दिखाई पड़ रहे हैं।
मेरठ का नौचंदी मेला पूरे देश में मशहूर है। यहां सालों से नौचंदी मेले का आयोजन होता आया है, लेकिन कोरोना ने इस ऐतिहासिक नौचंदी मेले में भी खलल डाल दिया। पिछले दो साल से कोरोना के चलते मेले का आयोजन नहीं हो पाया। यहां एक बार नगर निगम और एक बार जिला पंचायत मेले का आयोजन कराती है। इस बार जिला पंचायत की बारी है। जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत अधिकारियों की मानें तो इस बार मेले को लेकर पूरे कयास लगाये जा रहे हैं और मेला पहले से भी कहीं भव्य और ऐतिहासिक होगा। मेले में लोगों को आकर्षित करने के लिये हर प्रयास किया जायेगा।
मेरठ की पहचान है नौचंदी मेला
मेरठ का नौचंदी मेला अपने आपमें एक बड़ा आयोजन है। मेले में दूरदराज शहर और राज्यों से दुकानदार कई दिन पहले पहुंचते हैं और दुकानें लगाते हैं। इसके अलावा मेरठ की हर प्रसिद्ध चीज की दुकान यहां मेले में लगती है। झूले और लाइटें लोगों को आकर्षित करते हैं। सालों से मेले का आयोजन होता आया है। 90 के दशक की बात करें तो गांव से लोग मेले में घूमने आया करते थे और परिजनों व परिचितों के लिये यहां से सामान खरीदकर ले जाते थे, लेकिन पिछले दो साल में ऐसा पहली बार हुआ कि मेले का आयोजन नहीं हो पाया, लेकिन इस बार मेले का आयोजन भव्य तरीके से किये जाने की तैयारी की जा रही है।
होली के बाद पड़ने वाले पहले रविवार को होता है उद्घाटन
नौचंदी मेले का आयोजन यहां हापुड़ अड्डा स्थित नौचंदी मैदान में होता है। मेले का उद्घाटन होली के बाद पड़ने वाले पहले रविवार को होता है। उसके बाद एक माह बाद मेला अपने सही रूप में पहुंच जाता है। इस बार की बात करें तो यहां 17 मार्च हो होली पर्व है। यानि मार्च माह में ही मेले का उद्घाटन होगा। मेले का उद्घाटन वही करता है जो उसका आयोजन कराता है। इस बार मेले का आयोजन जिला पंचायत करायेगा तो इसकी जिम्मेदारी भी उसकी की होगा। जिला पंचायत ही यहां लगने वाले झूले, स्टॉल, दुकानें आदि को अलॉट करेगा।
सांप्रदायिक सौहार्द की पहचान है मेला
नौचंदी मेला में सभी धर्म के लोग एक साथ घूमने के लिये आते हैं और यहां दुकान लगाने वाले, झूले वाले भी सभी धर्मों से होते हैं। यह मेला भी सांप्रदायिक सौहार्द की पहचान है। मेले में बुलंदशहर, अलीगढ़ समेत आसपास के शहरों से भी दुकानदार यहां आते हैं और पूरे एक माह से अधिक समय तक यहीं रहते हैं। मेले सभी शहरों से उनके यहां बनने वाला प्रसिद्ध सामान तक के स्टॉल लगाये जाते हैं।
सबकुछ ठीक रहा तो इस बार नौचंदी मेले का आयोजन भव्य और ऐतिहासिक तरीके से कराया जायेगा। सभी मिलजुलकर कार्य करेंगे और मेले को और भी लोकप्रिय बनाने का कार्य किया जायेगा। कोरोना गाइडलाइन के साथ मेले का आयोजन होगा और भव्य तरीके से कार्यक्रम होंगे। सभी के साथ मिलकर इसका आयोजन कराया जायेगा।
-गौरव चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष