- दिन में दो बार लगने वाले भयंकर जाम की वजह से हलकान रहता है पूरा इलाका, स्कूल के खिलाफ कार्रवाई को तैयार नहीं अफसर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मासूमों को स्कूल इसलिए भेजा जाता है ताकि वो अच्छे संस्कार ग्रहण कर सकें, लेकिन कंकरखेड़ा मेन रोड स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल के संचालक जब स्वंय मेन रोड पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर कर रहे हों तो फिर वहां पढ़ने वाले बच्चे कैसे संस्कार पाएंगे। स्कूल संचालक के सड़क पर कब्जे से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोई भी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार नहीं है।
कंकरखेड़ा थाना से चंद कदम की दूरी पर मेन रोड स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल की सड़क पर किए गए अवैध कब्जे यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। यह मार्ग बाइपास के रूप में इस्तेमाल होता है और शहर के लोग यहीं से गुजरते हुए हाइवे तक पहुंचते हैं, लेकिन अवैध कब्जे की वजह से पीक ओवर में यहां जाम के हालात बने रहते हैं। सेंट फ्रांसिस स्कूल के बाहर एक बड़ी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर वहां तारबंदी कर दी गयी है। जब तारबंदी कर दी गयी तो वहां से हटकर ही टैÑफिक के गुजरेगा। जिस जगह यह तारबंदी की गई उसके ठीक सामने लक्ष्य नाम से एक नर्सिंगहोम है। इस नर्सिंगहोम के पास खुद का पार्किंग स्थल नहीं है।
यहां भी आने वाले मरीजों, तीमारदारों व डाक्टरों की गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी होती हैं। एक ओर सेंट फ्रांसिस स्कूल की बिल्डिंग के बाहर मेन रोड पर अवैध कब्जा और सड़क उस पार नर्सिंगहोम की मेन रोड पर पार्किंग, इससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिन भर खासातौर से पीक ओवर में जब लोग सुबह के वक्त काम धंधे पर निकलते और शाम के वक्त जब वापस घर लौटते हैं टैÑफिक का दबाव होता है, तब क्या हाल होता होगा, लेकिन स्थिति इस से भी बुरी और बदतर है। सेंट फ्रांसिस स्कूल लगने के वक्त और स्कूल की छुट्टी के वक्त मुसीबत ज्यादा उठानी पड़ती है। यूं कहने को स्कूल है लेकिन पार्किंग व्यवस्था के नाम पर केवल मेन रोड पर अवैध कब्जा कर वहां पार्किंग के अलावा कुछ नहीं किया जा रहा है।
जो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने या लेने के लिए आते हैं। उनकी गाड़ियां खड़ी करने के लिए कोई माकूल इंतजाम नहीं है। ऐसे में ये तमाम गाड़ियां मेन रोड पर दूर तक पार्क की जाती हैं। स्कूल लगने के वक्त तो स्थिति इतनी ज्यादा खराब नहीं होती जितनी की छुट्टी के वक्त होती है। छुट्टी के वक्त से काफी पहले तमाम अभिभावक स्कूल के सामने गाड़ियां लाकर खड़ी कर देते हैं। रोड के दोनों साइड अवैध पार्किंग बन जाती है। सेंट फ्रांसिस के बाहर कब्जा कर जहां तार खींच दिया गया है, वहां पहले से ही अवैध कब्जा है।
अभिभावकों में जबरदस्त नाराजगी
जिनके बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे हैं स्कूल संचालकों के कृत्य से उनमें भी भारी असंतोष और नाराजगी है। नाम ना छापे जाने की शर्त पर अनेक अभिभावकों ने इस संवाददाता के समक्ष सेंट फ्रांसिस स्कूल के संचालक के कृत्य को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना था कि बच्चों को स्कूल इसलिए भेजा जाता है कि वो बुराई से दूर रहें, अच्छे नागरिक बनें, लेकिन जब स्कूल वाले खुद ही सरकारी जमीन पर कब्जा करेंगे तो फिर उनके कैसे यह उम्मीद रखी जा सकती है कि वो बच्चों को बुराइयों से दूर रखने की शिक्षा देंगे। सरकारी जमीन पर कब्जे के उनके कृत्य को जब बच्चे देखेंगे तो इस बात की क्या गारंटी कि वो खुद भी इस प्रकार के कृत्य करने के लिए प्रेरित नहीं होंगे।
पुलिस बेबस या बेखबर
थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित सेंट फ्रांसिस के सरकारी जगह पर अवैध कब्जा, पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से दिन में दो बार सड़क पर लगाने वाला जाम कंकरखेड़ा पुलिस को या तो नजर नहीं आता या फिर यह मान लिया जाए कि स्कूल संचालक के आगे पुलिस बेबस है।