जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गुरुवार को बरेली इंटरनेशनल विश्वविद्यालय, बरेली के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी।
राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित सभी को गुरू गोविन्द सिंह जयन्ती की बधाई देते हुए कहा कि सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान हम सभी को प्रेरणा देता है। राज्यपाल ने विश्व में कोरोना के पुनः बढ़ते प्रसार को देखते हुए सभी से कोरोना सम्बन्धी सावधानियाँ और ऐहतियात रखने को कहा।
समारोह में राज्यपाल ने स्नातक के कुल 206 तथा परास्नातक की 107 विद्यार्थियों को उपाधि वितरित की। उन्होंने विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले स्नातक के 22 तथा परास्नातक के 06 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। सफलता प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनकी उपलब्धियों के पीछे उनके अभिभावकों का अथक परिश्रम और उनके जीवन की कमाई समर्पित हुई है, इसलिए अच्छे कैरियर की चाह में उन्हें वृद्धावस्था में अकेला न छोड़े। उन्होंने वृद्धाश्रमों के निर्माण के पीछे भारतीय संस्कृति से विमुखता का जिक्र किया।
राज्यपाल ने समारोह में चिकित्सा की शिक्षा पूर्ण कर उपाधि प्राप्त करने वाले चिकित्सकों से उनके नोबल प्रोफेशन का उल्लेख करते हुए कहा कि वे मरीजों का भरोसा जीतें। चिकित्सक का सौम्य व्यवहार मरीज को ताकत देता है। उन्होंने बरेली इंटरनेशनल विश्वविद्यालय द्वारा नई स्वास्थ्य सेवा शिक्षा प्रणाली में चिकित्सा की ऐलोपैथी प्रणाली के साथ अन्य प्रणालियों को भी एकीकृत करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
इसी क्रम में उन्होंने योग से होने वाले स्वास्थ्य लाभों की चर्चा भी की। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना काल में योगदान, आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थय सेवाओं की उपलब्धता, धर्मार्थ रक्त प्रदान करने की सुविधा, टीवी रोगियों के मुफ्त इलाज, शिक्षा में गुणवत्ता और विविधता बढ़ाने के लिए अन्य संस्थानों से एमओयू करने के लिए
प्रशंसा की।