- काजी रशीद मसूद के इंतकाल पर किया गहरे रंजोगम का इजहार
जनवाणी संवाददाता |
धामपुर: नगर के युवा समाजसेवी हाजी हसन खान ने काजी रशीद मसूद के इंतकाल पर गहरे रंजोगम का इजहार करते हुए कहा कि हमने एक अजीम लीडर खो दिया है, जिसकी कमी हमेशा खलती रहेगी।
सोमवार को जैसे ही काजी रशीद मसूद के इंतकाल का उन्होंने पता लगा तो हाजी हसन खां अपने साथियों के साथ सहारनपुर के लिए रवाना हो गए। हाजी हसन ने उनके पैतृक निवास स्थान पहुंच कर उनके जनाजे में शिरकत की। वहां से वापस लौटते समय उन्होंने दूरभाष पर बताया कि वह काजी रशीद मसूद के बहुत करीबी थे और उन्हें अपना राजनीतिक उस्ताद भी मानते थे।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में ईलाज के बाद वह सहारनपुर लौट आए थे, लेकिन उनकी तबियत फिर से खराब हुई और उन्हें परिजनों ने रुड़की के एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया, जहां पर सोमवार को सुबह उनका इंतकाल हो गया। हाजी हसन खां ने कहा कि उनकी गिनती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज राजनेताओं में होती है। पांच दशकों के सियासी सफर में वह वीपी सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव के हमसफर रहे।
वहीं 2012 में वह कांग्रेस में भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि रशीद मसूद नौ बार संसद के सदस्य रहे। अपने लंबे राजनैतिक करियर में लोकसभा के साथ ही राज्य सभा के लिए भी वह निर्वाचित हुए थे। रशीद मसूद पांच बार लोकसभा सदस्य होने के साथ ही चार बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा। उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव इमरजेंसी के तुरंत बाद सन् 1977 में लड़ा था। वह जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की।