नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। भाद्रपद का महीना श्रीकृष्ण को समर्पित है। वहीं इस माह के शुरू होते ही त्योहारों की कतारें लग गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मन चुका है वहीं इंतजार था तो हरतालिका तीज व्रत का जो कि आज देशभर में मनाया जा रहा है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ व्रत रखती हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से बहुत लाभ मिलता है। इस विशेष दिन पर महिलाएं घर में ही मिट्टी से गौरी शंकर की मूर्ति बनाती हैं और उनकी पूजा करती हैं।
बता दें कि, माता पार्वती ने भगवान शंकर को वर रूप में पाने के लिए यह व्रत रखा था। ऐसे में जो महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना रखती हैं उन्हें हरतालिका तीज का व्रत जरूर रखना चाहिए। पूजन के साथ माता पार्वती और भोलेनाथ के मंत्रों का भी जाप करना चाहिए…
हरतालिका तीज व्रत के नियम
- हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है। ऐसे में इस दिन गलती से भी पानी न पीएं।
- प्रदोषकाल में मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा और आरती करें।
- इस दिन घी, दही, शक्कर, दूध, शहद का पंचामृत चढ़ाएं।
- सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ी, काजल सहित सुहाग पिटारा दें।
- अगले दिन भोर में पूजा करके व्रत का पारण करें।
हरतालिका तीज की व्रत कथा
सुहागिन महिलाओं और विवाह योग्य हो चुकी महिलाओं के लिए हरतालिका तीज पर्व का विशेष महत्व होता है। हरतालिका तीज पर महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-आराधना दिनभर करती हैं।शास्त्रों के अनुसार, हिमवान की पुत्री माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए हिमालय पर्वत पर अन्न त्याग कर घोर तपस्या शुरू कर दी थी।
इस बात से पार्वतीजी के माता-पिता काफी चिंतित थे। तभी एक दिन देवर्षि नारद जी राजा हिमवान के पास पार्वती जी के लिए भगवान विष्णु की ओर से विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे। माता पार्वती शिव से विवाह करना चाहती थी अतः उन्होंने यह शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
पार्वती जी ने अपनी एक सखी को अपनी इच्छा बताई कि वह सिर्फ भोलेनाथ को ही पति के रूप में स्वीकार करेंगी। सखी की सलाह पर पार्वती जी ने घने वन में एक गुफा में भगवान शिव की आराधना की। भाद्रपद तृतीया शुक्ल के दिन हस्त नक्षत्र में पार्वती जी ने मिट्टी से शिवलिंग बनकर विधिवत पूजा की और रातभर जागरण किया। पार्वती जी के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था।
हरतालिका तीज का पूजा का शुभ मुहूर्त
- हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त: आज, शाम 06:23 बजे से रात तक
- भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ: 17 सितंबर, सुबह 11:08 बजे से
- भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि का समापन: आज, दोपहर 12:39 बजे तक
सुखी जीवन के लिए हरतालिका तीज पर उपाय
- सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उमा माहेश्वरी पूजा भी लाभकारी है। उमा देवी को पार्वती के रूप में जाना जाता है, जबकि माहेश्वरी स्वयं भगवान शिव हैं।
- हरतालिका तीज के दिन पानी में एक चुटकी नमक डालकर पूरे घर में पोंछा लगाएं। इससे परिवार के सदस्यों और पति-पत्नी के बीच रिश्ता मजबूत होगा।