- पांच लाख का इनामी पुलिस कस्टडी से हुआ था फरार, 14 पुलिस कर्मी हुए थे सस्पेंड
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 14 पुलिस वालों समेत शहर के कई सफेदपोशों को जेल भिजवा देने वाला माफिया बदन सिंह बद्दो की तलाश केवल मेरठ यूपी ही नहीं, बल्कि देश भर के राज्यों की पुलिस कर रही है, लेकिन बद्दो को पकड़ना तो दूर की बात पुलिस अभी उसकी परछाई तक पर कदम नहीं रख पायी है। इसके इतर डॉन आए दिन सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहता है।
माना जाता है कि फरारी का तानाबाना यूपी की फरुर्खाबाद सेंट्रल जेल में बुना गया। जहां डॉन उम्रकैद की सजा काट रहा था। 25 अक्टूबर, 2023 योगी सरकार ने मेरठ के माफिया बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। पुलिस मेरठ के करीब दो दर्जन कारोबारियों को बद्दो का राजदार होने के गुनाह में जेल की सलाखों के पीछे भेज चुकी है।
यूपी एसटीएफ और मेरठ पुलिस उसकी तलाश में गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और उत्तराखंड में महीनों से खाक छान रही है। उसके विदेश में होने की भी चर्चा है, लेकिन फरारी के वक्त से रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के कारण उसके विदेश भागने की गुंजाइश बेहद कम है। हर सूबे की पुलिस को बद्दो की तलाश का जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन बदन सिंह डॉन का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
रंगीनियत का शौकीन
फिल्मी डॉन की तरह बद्दो की जिंदगी रंगीनियों से भरी थी। बद्दो की महिला मित्रों की लंबी फेहरिस्त। बद्दो देशी-विदेशी टॉप ब्रैंड्स का शौकीन था। लाखों की कीमत की राडो की घड़ियां, रेबेन के महंगे चश्मे, अरमानी के सूट और बुलेट प्रूफ विदेशी गाड़ियों की रेंज उसकी शख्सियत को आम गैंगस्टर से अलग करती हैं। शायद कम लोगों को पता हो बद्दो कबूतरों को बहुत शौक रखता था। उसके यहां देश ही नहीं दुनिया भर की नस्ल के कबूतर व कुत्ते पाले हुए थे।
चप्पे-चप्पे पर तैनात थी पुलिस
28 मार्च सन् 2019 की दोपहर का करीब एक बजा होगा। पीएम नरेंद्र मोदी उस वक्त मेरठ में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे मैदान में लोकसभा चुनाव की रैली कर रहे थे। तभी मेरठ-दिल्ली हाइवे पर मुकुट महल होटल के बाहर दो गाड़ियां रुकीं। एक लंबे, स्मार्ट से शख़्स को लेकर आधा दर्जन पुलिस वाले उतरे और होटल में चले गए। करीब दो बजे पीएम मेरठ से रवाना हुए। इधर, अचानक पुलिस अफसरों के फोन घनघनाने लगे। सूचना मिली कि बद्दो फरार हो गया। जब तक घेराबंदी की जाती तब तक डॉन खाकी की पहुंच से काफी दूर जा चुका था।
नवीन गुप्ता पर लगे थे आरोप
बद्दो की फरारी के बाद मुकुट महल के मालिक पर खाकी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। डॉन की फरारी मामले में खाकी से पिंड छुड़ाने के नाम पर व्यापारी नेता नवीन गुप्ता से लाखों के सौदे की बात सामने आयी। उसको लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। व्यापारी नेता तमाम आरोपों से इंकार करते रहे, हालांकि यह आज तक साफ नहीं कि जिस रकम के लेन-देन की बात सामने आयी थी वह होटल मालिक को वापस मिली या नहीं।
14 पुलिस और कई सफेदपोश सीखचों के पीछे
28 मार्च 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सजायाफ्ता बदन सिंह उर्फ बद्दो को फतेहगढ़ जेल से गाजियाबाद के एक मामले में पेशी पर लाया गया था, जिसके बाद बदन सिंह को मेरठ स्थित मुकुट महल होटल में रोका गया, जहां से बदन सिंह उर्फ बद्दो पुलिस हिरासत से भाग गया था। उसकी सुरक्षा में तैनात दारोगा देशराज त्यागी, संतोष कुमार, सुनील कुमार, राजकुमार, ओमवीर, भूपेन्द्र सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। साथ ही भगाने में मददगार बने एहतशाम इलाही, डिपिन सूरी, जीत सिंह मक्कड़, सोनू सहगल, जवाहर लाल, शिशुपाल उर्फ बंटी एवं पपीत बढ़ला समेत 14 आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा था।
ढाई लाख के इनामी बदन सिंह उर्फ बद्दो फरारी प्रकरण के सूत्रधार व्यापारी नेता अनिल छाबड़ा को जेल भेजने के दूसरे दिन ही मुकुट महल होटल के स्वामी मुकेश गुप्ता को भी पुलिस ने जेल भेज दिया। मुकेश पर भी बद्दो को भगाने की साजिश रचने का आरोप है। मुकेश गुप्ता ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी स्टे लिया हुआ था। पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कराने के बाद जमानती वारंट जारी कराकर गिरफ्तार कर लिया।
उम्रकैद की सजा काट रहा था डॉन
बद्दो 2017 से यूपी की फरुर्खाबाद सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। 1996 में मेरठ के टीपीनगर इलाके में बद्दो ने दिल्ली के शातिर इनामी भोलू और अपने दर्जनों गुर्गों के साथ मिलकर एडवोकेट रवींद्र पाल सिंह की सरेआम हत्या कर दी थी। रवींद्र पाल के भाई एडवोकेट देवेंद्र पाल ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिरकार बद्दो को उम्रकैद की सजा हुई। बद्दो के खिलाफ दर्ज 47 अपराधों में यह पहला मुकदमा था।
जिसमें उसको सजा हुई। फर्जी आरसी बनाने के एक मुकदमे में बद्दो की गाजियाबाद कोर्ट में 28 मार्च 2019 को पेशी थी। इसी पेशी से पहले जेल की सलाखों के पीछे रहकर बद्दो ने अपनी फरारी का तानाबाना बुन लिया था। गाजियाबाद से वापसी का रूट कागजों में तय था, लेकिन बद्दो के कहने पर पुलिसवाले उसे उसके परिवार से मुलाकात कराने के लिए मेरठ ले आए।
शबाब और शराब में डूबी थी खाकी
बद्दो ने पुलिसवालों को शराब और शबाब की पार्टी में छोड़ा और अकेले ही एक कार लेकर मेरठ के पॉश इलाके साकेत में एक ब्यूटी पार्लर में जा पहुंचा। पार्लर की मालकिन और शहर के एक रईस डॉक्टर की बेटी उसकी पुरानी दोस्त थी। बदन सिंह बद्दो ने युवती को बताया कि वह पैरोल पर जेल से छूटा है। उसने वहां अपना हुलिया बदला और युवती के फोन के जरिए खास दोस्त और करन पब्लिक स्कूल के मालिक भानु प्रताप सिंह को अपने आने की जानकारी दी।
बद्दो कैंट इलाके में भानु के घर पहुंचा। वहां कुछ और दोस्तों से भी उसकी मुलाकात हुई जो उसके लिए लाखों रुपये लेकर आए थे। भानु उसे अपनी इनोवा कार में बैठाकर मेरठ से हापुड़ और फिर नोएडा होते हुए दिल्ली पहुंचा। लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के पास बद्दो ने गाड़ी रुकवाई और रुपयों से भरा सूटकेस लेकर उतर गया। इसके बाद कोई नहीं जानता कि बद्दो कहां गया।
पूर्व डीजीपी का दावा
यूपी के पूर्व डीजीपी ब्रजलाल के दावे पर यदि यकीन करें तो डॉन विदेश में नहीं बल्कि इंडिया में है। इसकी लोकेशन उत्तराखंड में कहीं होने की बात भी पूर्व डीजीपी अनेक बार कह चुके हैं। उनका यहां तक कहना है कि विदेश में होने की बात केवल झांसा देने के लिए करता है।