जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: झारखंड के रिम्स अस्पताल में लचर व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोरोना संक्रमण को लेकर की गई व्यवस्थाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन ने सरकार से सवाल किया कि ओमिक्रॉन से बचाव के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?
बचाव की रणनीति क्या है? लेकिन सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब न मिलने पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए टिप्पणी की क्या ओमिक्रॉन राज्य में हाहाकार मचाकर चला जाएगा तब झारखंड में जीमोन सिक्वेंसिंग की मशीन आएगी।
सरकार की ओर से कोर्ट में दिए गए जवाब में बताया गया कि कोरोना संक्रमित का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जाता है, इस कारण जांच रिपोर्ट आने में देरी होती है। इस पर कोर्ट ने राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच उपल्ब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
एक महीने में आएंगी दो मशीन
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि नए वैरिएंट की पहचान के लिए राज्य के लिए दो मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें करीब एक महीने का समय लग सकता है।
सरकार की ओर से बताया गया कि यह मशीनें काफी महंगी हैं और इन्हें सीमित कंपनियां ही बनाती हैं। एक मशीन रिम्स में तो दूसरी एमजीएम जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज में लगाई जाएगी।