- सालों से अधर में लटके हुए हैं पीएम आवास योजना के फार्म
जनवाणी संवाददाता |
लावड़: करीब 400 परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत भरवाए गए फार्मों पर अधिकारियों की नींद टूटने का इंतजार है। ये तमाम परिवार ऐसे हैं जो बेघर हैं। कुछ की तो हालात इतनी खराब है कि उन्हें खुले आसमान के नीचे गुजारा करना पड़ रहा है। पीएम आवास योजना के तहत लगभग 400 परिवार इस योजना से वंचित रह गए हैं। बताया गया है कि इन परिवारों को मकान की सबसे ज्यादा जरूरत है।
करीब दो साल पहले इनके फार्म भरवाए गए थे। इन तमाम लोगों को सिर पर छत की बेहद जरूरत है। लोगों ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले पीएम आवास योजना के फार्म भरे थे। फार्म भरने के बाद सिर पर छत की आस जगी थी, लेकिन दो साल का वक्त होने को आया ना फार्म भरवाने वाले मिल रहे हैं और ना ही जिन्हें पीएम आवास योजना के नाम पर घर दिलाने का दावा करने वाले अफसरों की नींद टूटती नजर आ रही है।
लोगों ने बताया कि पीएम आवास योजना के लिए फॉर्म भरकर नगर पंचायत तो जाते हैं, लेकिन इसके बाद उन फार्मों की कोई सुध नहीं लेता। जिन्होंने फार्म भरे उनका कहना है कि आवेदन करने के बाद सिर पर छत का इंतजार करते-करते वो थक चुके हैं। कस्बे में ऐसे कितने ही परिवार हैं। जिनके ना तो घर है और ना ही पक्की छत है। वो आज भी पीएम द्वारा दी जा रही इस योजना लाभ नहीं उठा पाए।
लोगो का कहना है की नगर पंचायत की लापरवाही की वजह से मकान नहीं बन पा रहे हैं। अगर सही समय पर जांच हो जाए तो मकान का लाभ मिल सकता है। वैसे तो कस्बे से लगभग 800 या 900 फॉर्म भरे गए थे जिसकी जांच डूडा के कर्मचारियों से नगर पंचायत करवाती है, लेकिन आज तक न तो डूडा की तरफ से कोई जांच की गयी और ना ही नगर पंचायत के द्वारा कोई कार्रवाई की गई।
लाभार्थी चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुके हैं और अब लोगों ने मकान बनाने में मिलने वाली सहायता की उम्मीद छोड़ दी है। हालांकि योजना के शुरू में कस्बे में लगभग 400 मकान बन गए थे, जिसके बाद आज तक लोग इस योजना का लाभ लेने के लिए तरस रहे हैं। कस्बे के राशिद, असजद, आमिर, असद, साजिद, फरमान आदि कितने लोग ऐसे हैं जो आज भी कच्चे मकान में रह रहे हैं।
बरसात होने पर मकान से पानी टपकाने लगता है। उधर, कस्बे के कई नेता लाभार्थियों को लेकर मंत्री और विधायक से मिलकर इसके बारे में बता चुके हैं, लेकिन गरीबों को मकान बनाने का लाभ कोई भी राजनेता नहीं दिलवा पाए और कस्बेवासी परेशान होकर शांत बैठ गए।
कस्बे से जो भी आवेदन हुए हैं, जल्द ही उन सभी फार्मों पर कार्य किया जाएगा और जो भी लोग इस योजना का लाभ लेने से रह गए हैं। उनको जल्द ही लाभ दिलवाया जायेगा। -आफताब बेगम पत्नी हाजी शकील, चेयरपर्सन लावड़ नगर पंचायत में फार्म भर कर आए थे जो हमने डूडा भेज दिए हैं। जल्द ही जांच का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
-मनोज कुमार अधिशासी अधिकारी लावड़।
इंसाफ मांगने पर पुलिस का पीड़ित परिवार पर कहर
परीक्षितगढ़: दो दिन पहले किशोरी को अगवाकर ले जाने वाले आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले परिवार ने थाने के एक दारोगा व कुछ पुलिस वालों तथा आरोपी पर घर में घुसकर कहर बरपाने के आरोप लगाए हैं। दारोगा ने माना कि वह पीड़ित परिवार के घर में गया था, लेकिन वह बंधक बनाए गए आरोपी को छुड़ाने गया था। पुलिसिया कहर से किशोरी के पिता समेत परिवार के कई सदस्य गंभीर घायल हैं। जिन्हें सीएचसी में भर्ती कराया है। परिजनों ने दारोगा व पुलिस कर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है।
ये था मामला
दो दिन पूर्व थाना क्षेत्र के गांव अमीनाबाद उर्फ बड़ा गांव निवासी 13 वर्षीय बच्ची को थाना किठौर क्षेत्र के राधना इनायतपुर निवासी दो युवक बहला-फुसलाकर ले गए थे। जब बच्ची काफी देर बाद तक घर नहीं पहुंची तो पीड़ित परिजन बच्ची की गांव व रिश्तेदारों में तलाश किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। पीड़ित परिवार ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। सोमवार सुबह पीड़ित परिजन बच्ची की तलाश करते हुए जैसे ही जंगल में पहुंचे तो बच्ची व आरोपी युवक को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी।
आरोप है कि पुलिस ने आरोपी के साथ-साथ पीड़ित के परिजनों को भी थाने में लाकर बंद कर दिया। हालांकि बाद में किशोरी के परिजनों को घर भेज दिया। किशोरी के भाई ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि थाने से छोड़ने के कुछ देर बाद एक एसआई, एक पुलिस कर्मी व एक युवक के साथ घर में जबरन घुस आए। उन्होंने लाठी-डंडों व लात घूसों से जमकर मारपीट की।
किशोरी के परिजनों से पुलिस की बर्बरता पर गांव में आक्रोश बना हुआ है। सूचना पर मौके पर पहुंची कंट्रोल रूम पुलिस ने घायलों को सीएचसी पर भर्ती कराया है। पीड़ित भाई ने एसआई सहित पांच लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले रखा है। पीड़ित परिवार ने जब थाने में तैनात एसआई से पुत्री के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की तो एसआई तिलमिला उठे और पीड़ित परिवार के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की है।
पीड़ित परिवार ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाते हुए एसआई व पुलिसकर्मी के साथ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, इस संबंध में एसआई अरुण कुमार ने बताया कि पीड़ित परिजनों ने आरोपी युवक को घर में बंधक बना रखा था। जिसे बंधन मुक्त कराते हुए थाने ले आए, लगाए गए आरोप निराधर गलत है।