- लकड़ी की बल्लियों पर टांग दी गयी एलटी की विद्युत लाइन, जो हर समय दे रही मौत को दावत
- जिम्मेदारी लेने के बजाय एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे पीवीवीएनएल अफसर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पीवीवीएनएल लोगों की जिंदगी की कीमत पर उनके घरों को रोशन करने का काम कर रहा है। बिजली की जो तारे खंभे से होकर जानी चाहिए वो तारे लकड़ी की बल्लियों पर खूंटी की मानिद टांग दी गयी हैं। ये तारे कालोनी में रहने वालों के सिर पर मौत के साए की तरह नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के लखनऊ में बैठे अफसरों के महकमे को लेकर दावों की पोल खोलने का काम मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाला हापुड़ का न्यू साकेत इलाका कर रहा है।
न्यू साकेत कालोनी में सैकड़ों परिवार रहते हैं। सभी को बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं। कनेक्शन देने के लिए लोहे के या ऐसी ही अन्य धातु के खंभों का प्रयोग आमतौर पर सुरक्षा की दृष्टि से किया जाता है, लेकिन इस कालोनी में घरों में बिजली के कनेक्शन देने के लिए बजाय मजबूत खंभों के लकड़ी की बल्लियां गलियों व सड़क पर कच्ची मिट्टी में गाड दी गयी है। उन ही एलटी लाइन के वायर कस दिए गए हैं। हालांकि यहां रहने वाले लोगो का कहना है कि लकड़ी की बल्लियों पर एलटी लाइन के वायर कसे भी नहीं गए हैं।
इन वायर को दरअसल लकड़ी की बल्लियों पर केवल खूंटी की भांति लटका भर दिया गया है। लकड़ी की जिन बल्लियों पर एलटी वायर लटकायी या कसी गयी हैं। उनमें से कुछ तो बीच से गल गयी हैं। कुछ की हालात तो इतनी बद से बदतर है कि बल्ली का जो हिस्सा मिट्टी में गाडा गया है वह पूरी तरह से गल चुका है, जिस मकान में उस बल्ली का प्रयोग कर कनेक्शन दिया गया है, उस मकान पर लगाए गए क्लैपों के सहारे ही एलटी वायर झूल रहे हैं। न्यू साकेत कालोनी में एक-दो या 10-20 मकानों के साथ ऐसा नहीं है।
पूरी कालोनी में जितने भी कनेक्शन दिए गए हैं। उन सभी में एलटी वायर की ऐसी ही हालत है। लोगों ने बताया कि कुछ मकानों के दरवाजे के आगे एलटी लाइन के तार झूल रहे हैं। जबकि ये तार मकान से ऊपर होकर जाने चाहिए। मकानों के दरवाजों के आगे से ये तार इसलिए होकर जा रहे हैं, क्योंकि लकड़ी की बल्लियों पर जो वायर कसे गए थे वो ढीले हो गए। ढीले होने की वजह से कालोनी में कई जगह तो ये वायर कालोनी में काफी नीचे तक आ गए हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब भी कोई छोटा हाथी वाहन या ट्रक आदि इस कालोनी में आता है तो पहले लकड़ी की छड़ी से बीचों बीच नीचे तक झूल रहीं एलटी लाइनों को हटाया जाता है।
लाइनों को हटाकर ही वहां से गाड़ी निकाली जा सकती है। एलटी लाइन के रूप में कालोनी में झूल रही मौत से मुक्ति दिलाने के लिए लोगों ने अनेक बार पीवीवीएनएल अफसरों से शिकायत भी की, लेकिन कोई भी उनकी समस्या पर अधिकारियों को ध्यान देने की फुर्सत नहीं है। उनका कहना है कि लगता है कि अफसरों की नींद तभी टूटेगी जब न्यू साकेत कालोनी में कोई हादसा हो जाएगा। लोगों ने बताया कि इस संबंध में अब ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा।
एसडीओ जाने, मेरी जानकारी में नहीं
इस संबंध में जब सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर यूके सिंह से बात की गयी तो उनका कहना था कि मेरी जानकारी में यह प्रकरण नहीं है। इस संबंध में इलाके के एसडीओ ही बता सकते हैं।
ठेकेदार की है गलती
इलाके के एसडीओ देवेन्द्र यादव से जब इस संबंध में बात की गयी तो उन्होंने पांच साल पहले काम करने वाले ठेकेदार पर ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने जानकारी दी कि ये कनेक्शन सौभाग्य योजना के तहत दिए गए थे। ठेकेदार ने ही यहां बल्लियों पर एलटी वायर टांग दिए हैं।