Wednesday, July 3, 2024
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ऐसे करें प्रतियोगी परीक्षाओं में इंग्लिश के प्रश्नों की तैयारी 

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अंग्रेजी भाषा एक कॉस्मोपॉलिटन लैंग्वेज है। यह एक लिंगुआ फ्रेंका के रूप में विश्व के विभिन्न मात्रिभाषाएं बोलने वाले लोगों के मध्य सेतु का कार्य करता है। इसके अतिरिक्त इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के वर्तमान दौर में अंग्रेजी कम्युनिकेशन के एक इफेक्टिव मीडियम के साथ प्रोमिजिंग करियर का गोल्डन पासपोर्ट भी माना जाता है। देश में प्राय: सभी लेवेल्स की प्रतियोगी परीक्षाओं में एक अनिवार्य और क्वालीफाइंग पेपर के रूप में इंग्लिश का टेस्ट अवश्य होता है। संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज  की मुख्य परीक्षाओं में अंग्रेजी के 300 अंकों की कंपल्सरी और क्वालीफाइंग पेपर से इंग्लिश की अहमियत को बखूबी समझा जा सकता है।
नेशनल डिफेन्स अकादमी की 600 अंकों की परीक्षा में 200, बैंकों की प्रोबेशनरी आॅफिसर्स की प्रीलिम्स और मैन्स एग्जामिनेशंस में क्रमश: 100 अंकों में 30 और 200 अंकों में 40, रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के ग्रेड ‘बी’ के आॅफिसर्स की 200 अंकों में 30, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल की 200 अंकों की परीक्षा में 50 अंकों की परीक्षाएं इंग्लिश की होती हैं। इसके अतिरिक्त सभी प्रकार की क्लेरिकल लेवल की परीक्षाओं में इंग्लिश के टेस्ट के पेपर अवश्य होते हैं।
किंतु इंग्लिश के इन सभी टेस्ट्स में सक्सेस आसान नहीं होता है। इस पर मास्टरी हासिल करने के लिए दोषरहित प्लानिंग, कुशल टाइम मैनेजमेंट, कठिन मेहनत, धैर्य और निरंतर प्रैक्टिस की जरूरत होती है।

कम्पटीटिव परीक्षाओं में अंग्रेजी की परीक्षा का पैटर्न कैसा होता है?

प्रतियोगी परीक्षाओं में इंग्लिश सेक्शन के अंतर्गत प्रश्नों के मुख्य प्रकार निम्न होते हैं-
वकेब्यलरी के ज्ञान की परीक्षा: सच पूछिये तो इस सेगमेंट का डोमेन काफी विस्तृत होता है। इसके अंतर्गत प्रश्नों की प्रकृति निम्न प्रकार की होती है-
  • – अर्थ में मिलते-जुलते वाले शब्द या पर्यायवाची शब्द (सिननिम्स)
  • – आॅड वन आउट (विचित्र, समूह से अलग) शब्दों की पहचान।
  • – विपरीत अर्थ वाले (अनटोनिम्स) शब्दों की पहचान।
  • – फॉरिन वर्ड्स के अर्थ।
वकेब्यलरी को शब्द भंडार कहते हैं। इनके सामर्थ्य पर इंग्लिश के ज्ञान के साथ-साथ इस भाषा पर मास्टरी भी बढ़ती जाती है। किंतु इंग्लिश में शब्द सामर्थ्य के लिए निरंतर प्रयास और कठिन मेहनत आवश्यक होती है।
शब्दों को सीखने के लिए सबसे पहले आपके पास अच्छी क्वालिटी की डिक्शनरी का होना जरूरी है। कॉलिंस, कोबिल्ड, आॅक्सफोर्ड और लॉन्गमैन के शब्दकोश उत्तम क्वालिटी के माने जाते हैं। इसमें कोई एक डिक्शनरी आपके पास अवश्य होने चाहिए।
किसी भी भाषा की डिक्शनरी में सभी शब्द जानने की जरूरत नहीं होती है। स्ट्रोंग वर्ब और एक्शन वर्ब्स को सीखना सबसे अधिक जरूरी होता है। डिक्शनरी में किसी शब्द का अर्थ जानने के साथ उसके सिनोनिम और एंटोनिम्स शब्दों की लिस्ट बना लें और निरंतर रूप से उसे रिवाइज करते रहें।
ग्रामर के बेसिक्स की परीक्षा: अंग्रेजी टेस्ट में इस लैंग्वेज के ग्रामर के नॉलेज की अहम भूमिका होती है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ग्रामर के बेसिक नॉलेज से  प्रश्न कई फॉर्म्स में पूछे जाते हैं जिनमें कुछ महत्वपूर्ण निम्नांकित हैं-
  • – सिंटेक्स (वाक्य रचना)
  • – प्रिपोजीशन
  • – पंक्चुएशन
  • – टेंस (काल)
  • – फिल-इन द ब्लैंक्स के प्रश्न
  • – वाक्यों के विभिन्न पार्ट्स में गलतियां ढूंढ़ने वाले प्रश्न
किसी भाषा का ग्रामर उस भाषा का रोडमैप होता है और उसी के इर्द-गिर्द उस भाषा का संसार घूमता है। सच पूछें तो ग्रामर किसी शिशु की अंगुली पकड़ कर उसे चलना सिखाने जैसा ही अहम होता है।
अंग्रेजी में सिंटेक्स (वाक्य रचना) और टेंस (काल) फाउंडेशन का निर्माण करते हैं। इन दोनों का ज्ञान इंग्लिश ग्रामर के बेसिक्स होते हैं, जिनके ज्ञान के बिना अंग्रेजी में एक कदम आगे बढ़ाना संभव नहीं है।
मार्किट में इंग्लिश ग्रामर की कई अच्छी पुस्तकें उपलब्ध हैं। इनमें किसी एक से सिंटेक्स (वाक्य रचना), प्रिपोजीशन, पंक्चुएशन और टेंस (काल) के बारे में ज्ञान प्राप्त करके प्रतियोगी परीक्षाओं में इनसे संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए जा सकते हैं। फिल-इन द ब्लैंक्स और वाक्यों के विभिन्न पार्ट्स में गलतियां ढूंढ़ने वाले प्रश्न भी ग्रामर के इन्हीं हिस्सों पर आधारित होते हैं। इस लिहाज से भी ग्रामर में इन सभी चैप्टर्स का गहराई से अध्ययन अतिअनिवार्य है।
कॉम्प्रिहेंशन के प्रश्न: कॉम्प्रिहेंशन का अर्थ रिटन और स्पोकन पैराग्राफ को समझना होता है। इसके अंतर्गत किसी पैसेज के वाक्यों में प्रयुक्त फ्रेजल वर्ब्स, मुहावरे, इडियम्स के मीनिंग पूछे जाते हैं। इसके अंतर्गत कठिन शब्दों के अर्थ या उनके विपरीत अर्थ वाले शब्द भी पूछे जाते हैं। यही कारण है कि इस सेगमेंट के प्रश्नों के उत्तर सबसे अधिक इंग्लिश के वकेब्यलरी, फ्रेजल वर्ब्स, इडियम्स के ज्ञान पर निर्भर करता है।
इसके अतिरिक्त कॉम्प्रिहेंशन के प्रश्नों के सटीक उत्तर देने के लिए नियमित रूप से न्यूजपेपर्स पढने की जरूरत होती है। न्यूजपेपर्स के पढ़ने से शब्दों के ज्ञान के साथ उनके सही इस्तेमाल और सटीक सेंटेंस कॉन्फिगरेशन को जानने में काफी मदद मिलती है। लिहाजा रोज दिन कम से कम एक इंग्लिश पेपर जरूर पढ़ें।
डिस्क्रिपटिव प्रश्न: प्रसिद्ध अमेरिकी उपन्यासकार अर्नेस्ट हेमिंग्वे ने एक बार कहा था, ‘लेखन कला में हम सभी हमेशा अपरेंटिस ही रह जाते हैं। इसमें कोई भी परफेक्ट नहीं होता है।’ डिस्क्रिपटिव पर यह नियम पूरी तरह से लागू होता है। इंग्लिश टेस्ट का यह सेगमेंट कैंडिडेट्स की राइटिंग कैपेसिटी का इवैल्यूएशन करता है।
इस सेगमेंट में अनुच्छेद (पैसेज), लैटर राइटिंग या निबंध (एसे) राइटिंग के प्रश्न पूछे जाते हैं। प्राय: ऐसा कहा जाता है कि किसी भी साहित्य के सभी विधाओं में लेखन की विधा सबसे कठिन होती है। लेखन कला एक कठिन कार्य है और यह रात भर में हासिल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए नियमित रूप से पढ़ना जरूरी है। अभ्यास ही पूर्ण बनाता है और यही कारण है कि हमें इस सेगमेंट में अच्छा करने के लिए नियमित रूप से पढ़ने और नोट बनाने की आदत का विकास करना होगा क
एक अच्छा अनुच्छेद या निबन्ध लिखने के लिए हमें निम्न बातों को अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए-
  • -छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करें।
  • -बड़े शब्दों के उपयोग से बचें।
  • – कंटेंट पर फोकस करें।
  • – एक्टिव वौइस में ही वाक्य लिखें।
  • -जहां संभव हो सुंदर उद्धरण और सूक्तियों का प्रयोग अवश्य करें।
-एसपी शर्मा
प्राचार्य, जवाहर नवोदय विद्यालय, मामित, मिजोरम 

 


फीचर डेस्क Dainik Janwani

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