आमिर खान की ‘दंगल’ (2016) से बॉलीवुड में कदम रखने वाली सान्या मल्होत्रा बहुत कम समय में हिंदी सिने जगत में अपने लिए एक अलग मुकाम बना चुकी हैं। बेशक वह आज की दूसरी एक्ट्रेस जितनी खूबसूरत न हों, लेकिन अपने शानदार अभिनय के बल पर सान्या ने खुद को एक कमाल की अभिनेत्री के तौर पर साबित किया है। ‘पटाखा’ (2018) ‘बधाई हो’(2018) ‘फोटोग्राफ’ (2019) ‘शकुंतला देवी’ (2020) ‘लूडो’ (2020) ‘पगलैट’ (2021) में नजर आ चुकी सान्या पिछले साल आखिरी बार ओटीटी पर नेटफ्लिक्स के लिए आॅन स्ट्रीम हुई ‘मीनाक्षी सुंदरेश्वर’ में अभिमन्यू दसानी के साथ नजर आई थीं। ‘मीनाक्षी सुंदरेश्वर’ में सान्या मल्होत्रा ने मदुरै की एक साउथ इंडियन रोमांटिक महिला का बेहद शानदार किरदार निभाया था, जिसके लिए उनके काम की अत्याअधिक सराहना हुई।
सान्या मल्होत्रा का कैरियर काफी शानदार रहा है। जिस तरह से वह परफार्म करती हैं, दर्शकों को काफी अच्छा लगता है। 20 मई को सान्या मल्होत्रा की फिल्म ‘हिट द फर्स्ट केस’ रिलीज होगी। इसमें वह राजकुमार राव के अपोजिट नजर आएंगी। इसे शैलेश कोलानु ने निर्देशित किया है। यह 2020 की एक तेलुगु फिल्म का हिंदी रीमेक है। फिल्म की कहानी एक पुलिस अधिकारी और एक लापता महिला के इर्द गिर्द घूमती है। इसके अलावा वह ‘सैम बहादुर’ और ‘लव हॉस्टल’ जैसी फिल्में भी कर रही हैं। हाल ही में सान्या मल्होत्रा ने जुहू वर्सोवा लिंक रोड पर साढे 14 करोड़ कीमत का एक फ्लैट खरीदा है, जिसमें रेनोवेशन का काम चल रहा है। पिछले साल कोरोना लॉक डाउन के दौरान सान्या मल्होत्रा ने वरूण शर्मा के साथ एक आॅडियो शो ‘ससुराल वंडरफूल’ किया।
प्रस्तुत है सान्या मल्होत्रा के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
एक्टिंग करते करते अचानक आॅडियो शो करने की जरूरत क्यों महसूस हुई?
जब मुझे पता चला कि एक आॅडियो सिरीज है, जिसे कोरोना जैसी संक्रमित महामारी के दौर में आप घर पर रहकर ही कर सकते हैं तो मैं इसके प्रति आकर्षित हो गईथी। यूं भी यह मेरे लिए एक बिलकुल नया मीडियम था। घर बैठे बेैठे माइक के सामने अपने टेलेंट को दिखाने का अवसर मिल रहा था।
पहली बार इस मीडियम में काम करते हुए आपको किसी तरह की परेशानी का सामना भी करना पड़ा?
जब हमने इसे शुरू किया, तब हमें इसकी टेक्निकल नालेज बिलकुल नहीं थी। उसे सीखने में काफी वक्त लगा था। अलग-अलग जगह से बैठकर इसके लिए 8 अलग-अलग लोग परफोर्म कर रहे थे। यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थीं। कई बार ओवरलैपिंग हो जाती थी। इसके अलावा एक एक्टर के तौर पर सबसे बड़ी चुनौती यह तो थी ही कि एक्शन और रिएक्शन के लिए फिजिकली हमारे सामने कोई नहीं होता था।
वरूण शर्मा के साथ काम करने का एक्सपीरियंस किस तरह का रहा ?
मैं वरूण की कॉमिक टाइमिंग और उनकी एक्टिंग की शुरू से जबर्दस्त फेन रही हूं। उनके साथ काम करते हुए हयूमर के अलावा काफी कुछ नया सीखने को मिला।
जब आप किसी केरेक्टर को चूज करती हैं तो उसका आधार क्या होता है?
सबसे पहले तो यही देखती हूं कि वह लिखा किस तरह गया है। कभी कभी तो राइटिंग देखते ही दिल से आवाज आने लगती है कि इसे करना चाहिए। स्क्रिप्ट और नेरेशन जैसी कुछ और भी बातें देखती हूं। मैं उसे आॅडियंस के नजरिये से देखती हूं। मेरा खुद से एक सवाल होता है कि क्या मैं इसे थियेटर में देखकर खुद एंजोए कर सकूंगी या नहीं।
एक पंजाबी लड़की होने के बावजूद ‘मीनाक्षी सुंदरेश्वर’ में एक साउथ इंडियन महिला का किरदार निभाने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
मुझे इस किरदार के लिए तैयार होना सबसे ज्यादा पसंद था। उस किरदार के लिए मैने जो साड़ियां पहनी थीं, वे आज भी मेरे पास हैं और मैं पार्टी फंक्शन में उन्हें पहनती हूं। मैं धर्मा प्रोडक्शन के साथ काम करना चाहती थी। मेरा यह सपना था जो इसके साथ पूरा हुआ।
एसएस