जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भारत और तुर्किये के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव का असर अब व्यापार और पर्यटन क्षेत्रों में भी नजर आने लगा है। भारत में तुर्की के खिलाफ चल रहे बायकॉट अभियान के तहत अब तुर्की से आयातित सेब और मार्बल पर रोक लगा दी गई है। साथ ही देश की कई बड़ी ट्रैवल कंपनियों ने तुर्की के लिए यात्रा बुकिंग पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगा दिया है।
सेब और मार्बल पर क्यों लगी रोक?
#WATCH | अजमेर, राजस्थान: भारत के साथ हालिया तनाव के बीच तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद, अजमेर के सेब व्यापारियों ने तुर्की के सेबों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। pic.twitter.com/xJBTWRko6E
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 17, 2025
तुर्किये से भारत हर साल बड़ी मात्रा में सेब और प्राकृतिक मार्बल आयात करता रहा है। लेकिन हाल ही में तुर्की के नेतृत्व द्वारा भारत के आंतरिक मामलों पर की गई टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताते हुए व्यापारिक संगठनों और नीति निर्माताओं ने यह कदम उठाया है। अब भारतीय बाजार में इन उत्पादों की आपूर्ति घरेलू स्रोतों या अन्य वैकल्पिक देशों जैसे वियतनाम और इटली से की जाएगी।
पर्यटन उद्योग में भी असर
भारत से तुर्की जाने वाले यात्रियों की संख्या हर साल हज़ारों में होती है। ऐतिहासिक स्थल, इस्तांबुल की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण तुर्की एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन रहा है। लेकिन अब प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों ने नए बुकिंग लेना बंद कर दिया है, और मौजूदा टूर पैकेज भी होल्ड पर डाल दिए गए हैं। इससे तुर्की के पर्यटन राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है।
बॉलीवुड में दिखा बॉयकॉट का रंग
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री, जिसने कई फिल्मों की शूटिंग तुर्की के खूबसूरत शहर इस्तांबुल में की है, अब वहां शूटिंग करने से पीछे हट रही है। “बॉयकॉट तुर्की” का ट्रेंड सोशल मीडिया पर ज़ोर पकड़ रहा है और आने वाले समय में बॉलीवुड द्वारा तुर्की के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की संभावना है।
सुरक्षा मंजूरी रद्द, व्यापार पर असर
भारत सरकार ने तुर्किए की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी “सेलेबी” की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। यह कंपनी भारत के कई हवाई अड्डों पर सक्रिय थी। इसके अलावा, भारत-तुर्किए के बीच हुए कई व्यापारिक समझौते भी भारत ने वापस ले लिए हैं।
तुर्किये ने भारत को दिया धोखा?
फरवरी 2023 में जब तुर्किए विनाशकारी भूकंप से जूझ रहा था, तब भारत सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाने वाला देश बना। ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारत ने न केवल राहत सामग्री भेजी, बल्कि एनडीआरएफ और सेना की टीमें भी वहां जाकर लोगों की जान बचाने में जुट गईं। लेकिन अब तुर्की के रवैये से भारत में नाराज़गी है। भारत की मदद के बावजूद तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति के ठीक विपरीत है। यही कारण है कि तुर्की के प्रति भारतीयों के भाव बदलने लगे हैं।
दोनों देशों पर क्या पड़ेगा असर?
भारत पर असर?
भारत तुर्की से सीमित कैटेगरी के उत्पाद आयात करता है, और उनके विकल्प देश के भीतर या अन्य देशों से आसानी से मिल सकते हैं। यह निर्णय ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी मजबूती देगा।
तुर्की पर असर?
पहले से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे तुर्की के लिए यह एक और झटका हो सकता है। भारत जैसे विशाल बाजार में बायकॉट का असर उसके निर्यात और पर्यटन आय दोनों पर पड़ेगा।
क्या है विवाद की जड़?
तुर्की ने हाल ही में कश्मीर और भारत की घरेलू नीतियों पर बयान देकर भारत की आलोचना की थी, जिसे भारत ने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप माना। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास बढ़ती गई है।