Monday, July 8, 2024
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बेगमपुल पर पुलिस का अवैध निर्माण, नहीं ली कैंट से एनओसी

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  • शहर का सबसे व्यस्तम चौराहा जूझ रहा जाम की समस्या से
  • पुलिस की दबंगई, बिना अनुमति के ही कराया जा रहा निर्माण कार्य

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बेगमपुल चौराहा पहले से ही जाम की समस्या से जूझ रहा हैं, लेकिन अब पुलिस ने बेगमपुल के ऊपर ही पुलिस चौकी का विस्तार करते हुए निर्माण कर दिया हैं। यह क्षेत्र कैंट ऐरिया में आता हैं। इसके निर्माण की अनुमति कैंट बोर्ड से भी नहीं ली गई। निर्माण करने से पहले कैंट बोर्ड से एनओसी लेना अनिवार्य होता हैं, लेकिन इसमें पुलिस की दबंगई ही कहीं जाएगी कि बिना अनुमति के निर्माण आरंभ कर दिया।

छत तक निर्माण पहुंच गया, लेकिन कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने भी इसमें कोई कार्रवाई नहीं की। आखिर इसको मौन स्वीकृति कैसे दे दी? फिर पुल पर कैसे निर्माण किया जा सकता हैं। पुल वाहनों के आवागमन के लिए होता हैं, उस पर किसी तरह का निर्माण नहीं कराया जा सकता। ऐसे में पुल को भी खतरा पैदा हो सकता हैं। फिर पुल काफी पुराना बना हुआ हैं। ऐसे पुल क्षतिग्रस्त होता है तो इसके लिए पुलिस और कैंट बोर्ड दोनों ही जिम्मेदार होंगे?

क्योंकि मानक के अनुसार पुल के ऊपर कोई स्थाई निर्माण नहीं किया जा सकता। फिर निर्माण करने से बेगमपुल एक तरह से संकरा हो गया है। इससे यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में काम किया जाना चाहिए, लेकिन यहां तो उलटे जहां चाहता है, वहीं पर पुलिस-प्रशासन अवैध निर्माण खुद ही कर रहा हैं। इससे जनता में क्या संदेश जाएगा? पुलिस अवैध निर्माण कर रही है तो जनता को फिर अवैध निर्माण करेगी ही।

यदि पुलिस चौकी का निर्माण किया ही जाना था तो पुल से अलग निर्माण किया जा सकता था। पुल को निर्माण से किसी तरह की दिक्कत नहीं होती, लेकिन यहां तो पुल के ठीक ऊपर ही निर्माण कर दिया गया है। पहले भी अवैध पुलिस चौकी पुल के ऊपर बनी हुई हैं। उसका विस्तार कर दिया गया हैं। आखिर किसकी अनुमति से यह अवैध निर्माण पुल के ठीक ऊपर चल रहा हैं? इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं?

एक तरफ तो शहर के ट्रैफिक को सुधारने की दिशा में पुलिस-प्रशासन और नगर निगम संयुक्त रूप से काम करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन बेगमपुल पर हर समय जाम की समस्या बनी रहती हैं। यहां पर अवैध निर्माण किया जा रहा हैं। रैपिड रेल का भी यहां काम चल रहा हैं। सूत्रों का दावा तो यही है कि यह निर्माण भी रैपिड रेल की तरफ से करा दिया गया है।

बरहाल कुछ भी हो, निर्माण से पहले कैंट बोर्ड की एनओसी क्यों नहीं ली गई? कैंट बोर्ड के अधिकारी भी इस निर्माण के सवाल पर मौन साधे हुए हैं। क्योंकि अवैध निर्माण पुलिस का हैं, जिसके चलते कोई कार्रवाई इसमें नहीं की जा रही हैं। ऐसा तब है, जब पुल को इस निर्माण से खतरा भी पैदा हो सकता हैं।

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