Wednesday, June 18, 2025
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दर्जनों जगह होता है अवैध शराब का कारोबार

  • आबकारी विभाग की लापरवाही, नहीं की जाती सख्ती

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिले में अवैध शराब का धंधा खूब फलफूल रहा है। जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार ने शराब पीने से मरे पिंटू व गंभीर हालत में चल रहे अजय के घर वालों से मुलाकात की। अधिकारियों को मोहल्लेवालों ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार के कारण लोगों की जान खतरे में पड़ी हुई है।

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वहीं, इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी आलोक सिंह का कहना है कि शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हुई है। मृतक का बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। जिसे पुलिस द्वारा फोरेंसिक जांच के लिए आगरा भेजा जाएगा। जबकि दूसरे गंभीर युवक को लेकर भी यह नहीं कहा जा सकता कि उसके द्वारा पी गई शराब से ही उसकी हालत बिगड़ी है।

इकलौता कमाने वाला था पिंटू

पिंटू पुत्र ताराचंद के परिवार में पत्नी सीमा व तीन बच्चे हैं। पिंटू परिवार में इकलौता कमाने वाला था, वह एक सुनार के यहां नौकरी करता था और महज 300 रुपये रोज दिहाड़ी पाता था। पिंटू की मौत के बाद उसका पूरा परिवार बर्बाद हो गया है। पिता का कहना है कि वह बीमार रहते है, ऐसे में अब पिंटू के बच्चों का पालन-पोषण कैसे होगा? यह सवाल खड़ा हो गया है। जबकि अजय हलवाई का काम करता है और रविवार को उसे एक जगह भंडारे का खाना बनाने जाना था।

जिलेभर में फैला है अवैध शराब का कारोबार

अवैध शराब का धंधा पूरे जिले में अपनी जड़े जमा चुका है, सराय लालदास, टीपीनगर, कंकरखेड़ा, जयभीमनगर, इंचौली, औरंगाबाद, जानी, किनानगर समेत शहर व देहात के ऐसे दो दर्जन से अधिक इलाके हैं। जहां अवैध शराब की खुलेआम बिक्री होती है। परीक्षितगढ़ के खादर इलाके में तो अवैध शराब तैयार करने की भट्ठियां बिना किसी रोकटोक के सुलगती है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इसकी शिकायत संबंधित थाना पुलिस व आबकारी विभाग से की गई, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।

पहले भी हो चुकी है अवैध शराब से मौतें

कुछ माह पहले इंचौली व जानी क्षेत्र में भी अवैध शराब के सेवन से मौतें हो चुकी है। जिनसे आबकारी व पुलिस विभाग ने सबक नहीं लिया। चर्चा तो यहां तक है कि पुलिस की शह पर ही शराब माफिया इस धंधे को कर रहे हैं। बिना पुलिस से मिलीभगत के यह धंधा चल ही नहीं सकता।

कैसे बिकती है अवैध शराब?

अवैध शराब वह शराब होती है जो माफियाओं द्वारा या तो खुद तैयार की जाती है या फिर उसे किसी दूसरी जगह पर तैयार कराकर लाया जाता है। अमूमन शराब की सरकारी दुकानों पर बिकने वाली देशी शराब की आड़ में अवैध शराब को बेचा जाता है। सरकारी दुकानों से माफिया कुछ शराब खरीदकर लाते हैं और उसकी आड़ में अवैध शराब को बेचते है। सरकारी दुकान में मिस्टर इंडिया नाम की देसी शराब सबसे अधिक बिकती है, माफिया इसी शराब के पव्वों को खरीदते हैं और उनकी आड़ में अवैध शराब को कबाड़ियों से खरीदकर लाए गए खाली पव्वों में भरकर बेचा जाता है। पता चला है कि कुछ शराब माफियाओं ने तो मिस्टर इंडिया नाम के रैपर भी छपवा रखे हैं। जिन्हें वह अवैध शराब के पव्वों पर चिपका देते हैं।

मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी

अवैध शराब से बर्बाद हुए दोनों परिवारों से मिलने पहुंचे जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार, सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया व सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार भट्ठ ने घटना की जानकारी ली। वहीं स्थानीय लोगो ने अधिकारियों से इस प्रकरण में सख्त कदम उठाने की मांग की। लोगों ने बताया कि जिस शराब माफिया के यहां से शराब खरीदी गई थी। वह पिछले कई सालों से इस धंधे को अंजाम दे रहा है। कई बार जाटव गेट पुलिस चौकी पर भी शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया।

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