- बारिश के बाद धूप निकलने से बढ़ गई उमस भरी गर्मी
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: जिले में बारिश होने के बाद उमस बढ़ गई है। बुधवार को उमसभरी गर्मी से लोग जहां बेहाल हो गये। वहीं अधिकतम और न्यूनतम तापमान अन्य दिनों की अपेक्षा गिर गया। हालांकि मौसम विभाग ने और तापमान में वृद्धि होने का अनुमान लगाया है। जिले में बरसात के बाद निकली धूप से एक बार पुन: उमस बढ़ गई। गर्मी का आलम यह रहा कि लोग इससे बेहाल दिखे।
बुधवार को हुई बरसात से लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली थी। पूरे दिन आसमान में बादल छाये रहने से रात में भी मौसम ठंडा रहा, लेकिन तेज धूप निकलने से गर्मी एक बार पुन: शुरू हो गई। पूरे दिन उमस बरकरार रही। मौसम विभाग अभी मौसम और गर्म होने का अनुमान लगाया है। बारिश के बाद तेज धूप निकलने से गर्मी के साथ उमस भी काफी बढ़ गई है।
जुलाई के महीने में मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। बुधवार को सुबह के समय से ही मौसम सुहाना रहा। सुबह में हल्की बूंदाबांदी हुई। उसके बाद दोपहर में हुई, लेकिन दोपहर के बाद उमस का प्रकोप बढ़ा। जिसने गर्मी बढ़ा दी। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से खुद वैज्ञानिक भी हैरत में है।
उधर, वैज्ञानिक मौसम के रुख को देखते हुए संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में फिर से मौसम में बदलाव होगा। हालांकि अभी दो-तीन दिन ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है। राजकीय मौसम वैधशाला पर बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतत तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अधिकतम आर्द्रता 90 एवं न्यूनतम आर्द्रता 75 प्रतिशत दर्ज की गई। बारिश 0.2 मिमी दर्ज की गई। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि आने वाले दिनों में मौसम में फिर से बदलाव होगा। हालांकि अभी दो और तीन दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। जिसके चलते लोगों को परेशानी होगी। उमस का प्रकोप भी होगा।
एक दिन की राहत, फिर हालत और भी खराब
करीब महीने भर से प्रचंड गर्मी झेल रहे लोगों के लिए बुधवार को राहत देने वाली रही। पूरे दिन आसमान में बादल रहे। शाम होते-होते वह बरस भी पड़े। देर रात तक रुक-रुककर बौछारें पड़ती रहीं। जिससे अधिकतम पारा लुढ़क गया और लोगों को भीषण गर्मी से फौरी राहत मिली,
लेकिन थोड़ी देर में ही आसमान साफ हो गया और धूप निकलने से एक बार फिर उमस बढ़ गई। बुधवार को हुई बारिश से नगर व ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह जलभराव हो गया। सब्जी की सुख रहे फसल को संजीवनी मिल गई। इसके अलावा आम के पेड़ों को भी इससे राहत रही।