जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: आज के इस आधुनिक युग में खेती करना और उसको सही तरीके से करना किसानों के फायदे का सौदा होता है। खेती में उत्तम किस्म के बीज का स्थान सर्वोपरी है।
किसान खेती से अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहता है। उसके लिए वह महंगे उर्वरक, कीटनाशी व खरपतवारनाशी दवाइयों का उपयोग करता है, जिससे उसका उत्पादन तो नहीं बढ़ पाता, वरन उसकी खेती की लागत और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
उन्नत बीज से आशय उन बीजों से हैं जो अनुवांशिक रूप से शुद्ध होने के साथ ओज एवं आवश्यक अंकुरण क्षमता से युक्त हो। बीजों की गुणवता व शुद्धता की पुष्टि बीज परीक्षण के द्वारा ही संभव हैं।
बीज की ऋतु आते ही किसान जल्दबाजी से कहीं से भी बीज का प्रबंध करते हैं तथा खेत में बुवाई कर देते हैं। ऐसे में किसान महत्वपूर्ण बातों को नजर अंदाज करते हैं, जिसका परिणाम होता है उपज में कमी। उनको लाभ की जगह पर घाटे का सामना करना पड़ता हैं।
इस संबंध में कृष्ण कुमार कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि खराब बीज के चयन से उपज में 20-30 प्रतिशत तक की हानि हो सकती हैं, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि किसान फसलों को बीज से पहले स्वस्थ बीज का चयन करे।
बुवाई के दौरान इन बातों का रखे ध्यान
- अच्छी गुणवत्ता का बीज एक मजबूत और स्वस्थ फसल विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। स्वस्थ बीज विश्वसनीय स्रोतों या किसानों से खरीदा जा सकता हैं।
- कई रोग बीज के माध्यम से फेल रहे हैं। एक क्षेत्र का बीज अगली फसल के लिए इस्तेमाल होता हैं, तो इस बीज से पैदा हुए रोगों से गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी। इस प्रकार बीज चयन स्वस्थ पौधों से प्राप्त करना चाहिए।
- छोटे, सूखे और टूटे बीज से कम अंकुरण होता है। ऐसे बीजों को दूर करके, किसान मजबूत और स्वस्थ पौध विकसित करने के लिए सक्षम हो सकता है।
- बीज अगर ध्यान से चयनित है, तो भी रोग से ग्रस्त हो सकते हैं। इन मामलों में बीज उपचार करके बीज की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- फसल का बीज हमेशा नया ही खरीदना चाहिए। कुछ किसान बीज की जगह पर खाने वाले अनाज का इस्तेमाल करते, जिससे उनको उचित उत्पादन नहीं मिल पाता।
- फसल का बीज कंकर, पत्थर, धुल भूसा इत्यादी से मुक्त होना चाहिए।
- फसल का बीज कीटों से मुक्त होना चाहिए।
- फसल का बीज कटा फटा, अविक्षित एवं टुकड़े हुआ नहीं होना चाहिए। बीज एक सामग्री है जो पौधरोपण या उत्थान के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि वैज्ञानिक रूप से बीज एक निशेचित परिपक्व बीजाणु हैं, जो बीज कोट में लिपटा रहता है अगर आसान भाषा में कहे तो बीज नया पौधा तैयार करने का साधन हैं।
ये हैं उन्नत बीज की विशेषताएं
- इसमें भौतिक शुद्धता का अपेक्षित स्तर होना चाहिए।
- यह कीटों एवं रोगों से मुक्त होना चाहिए।
- उच्च अंकुरण क्षमाता होनी चाहिए।
- इष्टतम नमी होनी चाहिए।
ऐसा होता है उन्नत बीज का महत्व
- बीज फसलों के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण आदान है। यह फसल उत्पादन और कृषि प्रगति की कुंजी में सबसे सस्ता आदान है।
- फसल स्थिति काफी हद तक बुवाई के लिए बीज की प्रयुक्त सामग्री पर निर्भर करता है।
- फसल उत्पादन में अन्य आदानों की प्रतिक्रिया बीजक सामग्री पर निर्भर करता है।
- इसकी लागत अन्य सामग्री की तुलना में कम होती हैं।
- गुणवत्ता के बीज उत्पादन के अधीन क्षेत्रों में वृद्धि करने की जरूरत है।
- उन्नत किस्मों के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज उपज में लगभग 20-25प्रतिशत वृद्धि में योगदान कर सकते हैं।