जनवाणी संवाददाता |
चरथावल: श्री अरविन्द निकेतन आश्रम में अरविंदो घोष की अनुयायी श्री मां का अवतरण दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम ध्यान कक्ष में अनुयायियों द्वारा ध्यान-योग व प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर श्री अरविंद विद्या पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा श्रीकृष्ण के सुंदर गीतों की प्रस्तुति देकर खूब वाह-वाही लूटी गई।
मुजफ्फरनगर-थानाभवन मार्ग पर वर्ष 1950 आचार्य अभयदेव शर्मा द्वारा स्थापित संस्था श्री अरविंद निकेतन आश्रम में श्री अरविन्द घोष की अनुयायी श्री मां का अवतरण दिवस अनुयायियों व बच्चों द्वारा धूमधाम से मनाया गया।
अनुयायी बालकृष्ण गुप्ता ने बताया कि श्री मां का जन्म पेरिस (फ्रांस) में हुआ था।उ बचपन से ही आध्यात्मिक योग चेतना उनके अंदर प्रज्ज्वलित थी। श्री मां ने आध्यात्मिक चेतना नामक पुस्तक में लिखा है कि जब वह तेरह वर्ष की थी और सोने के लिए जाती,तो ऐसा प्रतीत होता था, कि मैं शरीर से बाहर निकलकर वायुमंडल में विचरण करने लगती हूं और शरीर पर एक बहुत ही सुन्दर स्वर्णिम चोगा पहने देखती हूं।
ऊपर उठते समय यह चोगा लम्बा होता चला जाता है।इस चोगे को छूकर उपस्थित सभी स्त्री पुरूष,बच्चे,वृद्ध व रोगी अपने कष्टों को दूर करते दिखायी देते थे।श्रीमां ने पहली बार 29मार्च 1914 को महर्षि श्री अरविन्द घोष से पांडिचेरी आश्रम में मुलाकात की थी।
श्रीअरविन्द घोष पांडिचेरी आश्रम की समस्त जिम्मेदारी श्रीमां पर छोडकर 5 दिसम्बर 1950 को ब्रहमलीन हो गये। श्रीमां ने पांडेचेरी के निकट ओरोविल नामक एक अन्तर्राष्ट्रीय नगर की स्थापना की थी।17 नवम्बर 1973 को श्रीमां ब्रहमलीन हो गयी थी। श्री अरविंद आश्रम में अनुयायी प्रतिदिन उनकी समाधि पर आकर ध्यान लगाते है। बच्चों द्वारा उनके अवतरण दिवस अनेक सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी। मीरा देवी द्वारा प्रसाद वितरण किया गया।