- जब बहनोई,दामाद और जिठानी करवाने लगें हत्या तो कैसे रुके अपराध?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो कोई क्या कर सकता है। लालच और रंजिश के कारण बेकसूर लोगों का खून बहाया जा रहा है। इस तरह के कत्ल करने वाले कोई गैर या दुश्मन नहीं बल्कि वो लोग हैं। जिनका परिवार में सबसे ज्यादा मान और सम्मान होता है। हाल फिलहाल में हत्या की ऐसी तीन वारदातें हुई है
जिनमें कातिल कोई पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि बहनोई निकला, जिस पर यकीन करना कोई नहीं चाहेगा, लेकिन ऐसा खूब हो रहा है। इसी तरह जिठानी ने अपनी देवरानी को इस कारण कत्ल करवा दिया क्योंकि वो रंजिश रखती थी। क्रांतिधरा पर हत्याओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अगस्त महीने में ऐसा कोई दिन नहीं गया। जब खूनी वारदात को अंजाम न दिया गया हो।
शास्त्री नगर में डी-ब्लॉक स्थित रिटायर्ड हेड कांस्टेबल रतन सिंह सिरोही के मकान में उसकी पत्नी कौशल और नातिन तमन्ना समेत दो लोगों की गला काट कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को किसी गैर ने नहीं बल्कि कौशल के दामाद ईशु ने अंजाम दिया था। उसने तीन दोस्तों के साथ मिलकर सास और सौतेली बेटी की हत्या की और घर में रखे 40 लाख रुपये और 50 लाख के जेवरात लूट लिये थे।
वारदात वाली रात को कौशल की बेटी स्नेहा अपनी मां से मिलकर गई थी लेकिन उसे नहंी पता था कि उसका पति ईशु ही उसकी मां और बेटी का कातिल निकलेगा। इसी तरह हस्तिनापुर के रामलीला मैदान में रहने वाले बैंक मैनेजर संदीप की पत्नी शिखा और बेटे रुपांश की निर्मम हत्या करने के बाद घर में रखे 1.41 लाख रुपये और जेवरात लूट लिये गए थे। पुलिस को लग रहा था कि किसी पेशेवर बदमाशों का काम होगा, लेकिन जब केस खुला तो सबकी आंखे खुली की खुली रह गई।
डबल मर्डर करने वाला कोई गैर नहीं बल्कि संदीप का सगा जीजा था। उसने अपने दोस्त रवि के साथ मिलकर मां बेटे का मर्डर करने के बाद लाखों की लूट कर ली थी। हालांकि पुलिस इस हत्या के पीछे आरोपी हरीश मावी और संदीप के बीच के रंजिश को मान रही है, लेकिन जिस तरह से बेकसूर लोगों की हत्या की गई उससे जाहिर हो रहा है कि पैसों के लालच में रिश्तेदार भी खौफनाक कदम उठाने से बाज नहीं आते हैं।
रोहटा गांव में घर के बाहर नाती को गोद में लिये खड़ी नीलम की बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जब इस केस का परदाफाश हुआ तो पता लगा कि नीलम की हत्या उसकी जिठानी ने बदमाशों को सुपारी देकर करवाई थी। जिठानी के दो बेटे जेल में बंद है और उसकी मदद नीलम द्वारा नहीं की जा रही थी। इससे जिठानी ने खौफनाक कदम उठाया और जेल में बंद दो बदमाशों की मदद से देवरानी का कत्ल करवा दिया।
लिसाड़ीगेट में पिता शमशाद ने अपनी बेटी की निर्मम हत्या करके सिर को धड़ से अलग करके नाले में फेंक दिया था। हत्यारोपी पिता सोच रहा था कि शायद सिर कटी लाश का राज खुल नहीं पाएगा, लेकिन बेटी के कथित प्रेमी ने पुलिस को फोन करके अपनों के हाथों मारी गई बेटी की कहानी को उजागर करवा दिया था। अगस्त महीने में हुई 30 से अधिक हत्याओं में अधिकांश में खून बहाने के पीछे रंजिश ही सामने आई है। कुछ मामलों में भले आॅनर किलिंग रही हो, लेकिन मारने वाला अपना ही था।