- 800 जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में होगी बढ़ोतरी
- दवा व्यापारियों पर पड़ेगा सीधा असर, फंड बढ़ने से होगी परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गैस सिलेंडर की महंगाई की मार। भवन निर्माण सामग्री और स्टील की महंगाई से आम लोगों की कमर टूट गई हैं। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ चुके हैं। सब्जी के दाम भी आसमान छू रहे हैं। ये सब तो देखा जाता, लेकिन अब तो जीवन बचाना भी महंगा हो जाएगा। एक अपै्रल से जीवन रक्षक तमाम दवाइयां महंगी होने जा रही हैं।
रसोई गैस पर तो महंगाई ने डाका डाल ही रखा था, अब जीवन बचाने वाली दवाइयों पर महंगाई की मार से आम आदमी परेशान हो गया हैं। कम से कम जीवन रक्षक दवाइयां तो पहले सस्ती थी, अब वे दवाइयां भी महंगाई के दौर से गुजरने वाली हैं। एक अप्रैल से जीवन रक्षक दवाओं की कीमत में बढ़ोतरी होने जा रही है।
जिसका सीधा असर आम जनता व दवा व्यापारियों पर पड़ने जा रहा है। जहां दवा व्यापारियों को अतिरिक्त फंड की आवश्यकता होगी तो दूसरी ओर ऐसे आम लोग जो लगातार दवाओं का सेवन करते हैं। उनको भी इसकी ज्यादा कीमतें चुकानी होगी।
आम आदमी पर भी पड़ेगा असर
जीवन रक्षक दवाओं की 800 वैरायटियों के दाम बढ़ने जा रहे है। ऐसे में जो लोग गरीब व मध्य मवर्गीय परिवारों से आते हैं। उनको भी महंगी कीमत पर दवाएं मिलेगी। कह सकते हैं कि अब अपनी जिंदगी बचानें के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर ज्यादा खर्च करना होगा। जबकि आय के साधन निरंतर कम होते जा रहे हैं। पहले से ही तेल की कीमते बढ़नी शुरू हो गई है। जिसको लेकर आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है, अब दवाएं भी महंगी होने से हालात और खराब होने जा रहे हैं।
पहले भी बढ़ती रही है कीमतें
दवा कंपनियों द्वारा पूरे साल में कई बार कीमते बढ़ाई जाती रही है, यह इस तरह समझा जा सकता है कि यदि किसी कंपनी की दवाई का एक बैच एक हजार रुपये में आता था तो उसके दूसरे बैच की कीमत बढ़ी हुई होती है, लेकिन एक साल में यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच जितनी बार दवाइयों के अलग-अलग बैच खरीदे जाते हैं। उनकी कीमते भी प्रत्येक बैच के अनुसार बढ़ती रही है, लेकिन इस तरह एक साथ 10.7 प्रतिशत की वृद्धि काफी ज्यादा है।
दुकानदारों पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
मेरठ आसपास के जिलों के लिए एक बड़ा दवा बाजार है, यहां पर करीब 200 दवा विक्रेता है, जो थोक का काम करते हैं। इन दवा विक्रेताओं से हापुड़, बुलंदशहर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर, शामली आदि जिलों के फुटकर दवा व्यापारी दवाएं खरीदते हैं। इसके लिए मेरठ के व्यापारी बड़ी संख्या में दवाओं का भंडार रखते हैं, जिससे फुटकर व्यापारियों की जरूरतों को पूरा किया जा सके, लेकिन एक अप्रैल से सभी जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में 10.7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने जा रही है। जीएसटी बढ़ने से भी अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा, इसको लेकर मेरठ के दवा व्यापारियों पर दवा कंपनियों से दवाइयां लेने के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता पड़ेगी।
वहीं, इस संबंध में मेरठ केमिस्ट व ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है कि जीवन रक्षक दवाओं की कीमत बढ़ने का सबसे अधिक असर दवा व्यापारियों व आम जनता पर पड़ेगा।
सरकार को कीमत बढ़ाने से पहले इसके असर के बारे में सोचना चाहिए।