- प्रदेश के 10 विवि को राज्यपाल ने दी सलाह
- टीम बनाकर चंडीगढ़ विवि की कार्य प्रणाली को परखे और फिर अमल में लाए
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पूरे देश के विश्वविद्यालयों में जिस तरह ए ग्रेड प्राप्त कर चंडीगढ़ विवि ने अपना सर ऊंचा किया हैं, उसको देखते हुए बुधवार को राजभवन स्थित गांधी सभागार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, राष्ट्रीय और वैश्विक रैंकिंग में सुधार के लिए विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों के निर्माण पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि देश में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के बीच इस संगोष्ठी का आयोजन निश्चय ही उच्च शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
हमें अपनी शिक्षण व्यवस्थाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानक के अनुसार तैयार करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में देश को वैश्विक डेस्टिनी बनाने की जो बात की गई है, उसके अन्तर्गत उच्च शिक्षा का अन्तर्राष्ट्रीयकरण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। केवल शिक्षण तक सीमित विश्वविद्यालयों को विशेष रूप लक्षित करते हुए कहा कि हमारे देश में आज भी उच्च शिक्षा संस्थानों का सारा ध्यान केवल शिक्षण कार्य पर ही केंद्रित है, शोध-अनुसंधान पर नहीं।
वहीं उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग पाने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि हमारे विश्वविद्यालय अपना ध्यान शोध-अनुसंधान पर केंद्रित करें। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि हमें समाज के वंचित, गरीब और जरूरतमंद छात्रों के बारे में सोचना होगा और प्री-स्कूल एजुकेशन लेवल यानी केजी से लेकर पीजी तक हर वर्ग के प्रत्येक छात्र के लिए शिक्षा की योजना बनानी होगी।
हमें शिक्षा प्रणाली को बनाते समय पिछड़े युवाओं को ध्यान में रखना होगा। गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के माध्यम से भारत सरकार शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा सुधार लेकर आई है, उसी दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल के साथ राजभवन में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के सहयोग से इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यशाला में तीन सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार व्यक्त किए गए,
जिसमें प्रतिभागी कुलपतियों की जिज्ञासाओं पर विशेषज्ञों द्वारा विषयों की जानकारी भी प्रदान की गई। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के साथ यह साझेदारी राज्य में शैक्षणिक क्षेत्र के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगी। कार्यशाला में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर और एनआईडी फाउंडेशन के चीफ पैट्रन सतनाम सिंह संधू के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी की टीम ने विश्लेषणात्मक एक रिपोर्ट प्रस्तुत की,
जिसने नेशनल और ग्लोबल रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की वर्तमान स्थिति को प्रदर्शित करने के साथ-साथ भविष्य के लिए एक रोडमैप भी प्रस्तुत किया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सेंटर फॉर रैंकिंग एंड एक्रिडिटेशन मेंटरशिप (यूपीसीआरएएम) नाम से स्टेट इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल की स्थापना करने पर विचार करने को कहा, जो राज्य के विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय और वैश्विक रैंकिंग को सुधारने में मदद करेगा।