जनवाणी ब्यूरो |
देहरादून/कोटद्वार: आज औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल कोटद्वार में भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के विभाग द्वारा, आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंर्तगत एमएसएमई चैंपियन योजना (बौद्धिक संपदा अधिकार) एव अन्य एमएसएमई योजनाओं के तहत उद्यिमयों कि जागरूकता के सिगड्डी ग्रोथ सेंटर कोटद्वार में उद्यमियों को भारत सरकार की योजनाओं कि विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर भारत सरकार के ज्वाइंट डायरेक्टर आर के चौधरी बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत उद्यमी ट्रेड मार्क, कॉपी राइट, पेटेंट, जीआइ रजिस्ट्रेशन आदि का लाभ ले सकते हैं। सरकार इसके लाभ उठाने वालों को सहयोग भी करती है। कहा कि ट्रेड मार्क, कॉपी राइट व पेटेंट रजिस्ट्रेशन रहने पर कानूनी विवाद सुलझाने में सहायता मिलती है। कोई भी इनोवेशन आप करते हैं, उसका पेटेंट करा लें।
आइडिया बुद्धि की उपज होती है, यह हमारी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी है। और इसका निबंधन भी हमारे नाम से होना चाहिए। महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र शैलेश डिमरी ने कहा है कि बौद्धिक संपदा का ही दुनिया में बोलबाला है। इसलिए इसको सुरक्षित रखना भी जरूरी है।
क्षेत्रीय प्रबंधक सन्नी चौहान ने कहा है कि जमीन हो या मकान, अगर वह किसी के नाम से नहीं है, तो उसकी कोई पहचान नहीं है। बौद्धिक संपदा का भी यही हाल है। यदि आप इसे कागजी कार्रवाई के जरिए पहचान नहीं देते तो इस संपदा की न तो पहचान बनेगी, न ही वह प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा।
व्यावसायिक रणनीतियों को सुरक्षित रखने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों का उपयोग बेहद जरूरी है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिडकुल निर्माता संघ के अध्यक्ष सुनील गुप्ता व अन्य उद्यमी मौजूद रहे।