जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: संभवत: यह पहली बार होगा जब बिना दर्शकों के इतना बड़ा टूर्नामेंट कराया जाएगा। यह भारतीय क्रिकेटरों के लिए भी बड़ी परीक्षा होगी कि वह अपने आपको को बिना दर्शकों के किस तरह प्रोत्साहित कर पाते हैं।
किसी भी भारतीय क्रिकेटर ने पिछले सात माह से कोई क्रिकेट नही खेली है, उन्हें अपने हाथों और बल्ले में लगी जंग को उतारने में भी मेहनत करनी होगी।
पिचों की गुणवत्ता रखनी होगी बरकरार
आईपीएल कितना बड़ा टूर्नामेंट है इसका अंदाजा इसी से लग सकता है कि इंग्लैंड में हुए 2019 के वन-डे विश्व कप में कुल 48 मुकाबले 11 आयोजन स्थलों पर खेले गए थे, जबकि 2016 के टी-20 विश्व कप में सात आयोजन स्थलों पर 35 मैच खेले गए थे। यहां तीन आयोजन स्थलों पर 60 मुकाबले खेले जाने हैं। यह भी एक बड़ी चुनौती है।
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— IndianPremierLeague (@IPL) September 19, 2020
तीसरी बार विदेश में हो रहा आईपीएल
यह पहला मौका नहीं जब आईपीएल विदेश में होने जा रहा है। 2009 में आम चुनाव के चलते आईपीएल को दक्षिण अफ्रीका ले जाना पड़ा था। 2014 में आम चुनाव के चलते 20 मुकाबले यूएई में आयोजित किए गए थे। सात-सात मुकाबले दुबई और अबुधाबी जबकि छह मुकाबले शारजाह में खेले गए थ।
इस बार 24 मुकाबले दुबई, 20 अबु धाबी और 12 शारजाह में होने हैं, जबकि प्ले ऑफ और फाइनल के आयोजन स्थल की घोषणा की जानी बाकी है।
रिकॉर्ड की बात करें तो रोहित द्वारा मुंबई की कप्तानी संभालने के बाद से चेन्नई के खिलाफ मुंबई का पलड़ा भारी रहा है और चार बार की विजेता टीम ने 10-6 से जीत दर्ज की है। वहीं रोहित की कप्तानी के बाद से मुंबई की टीम अब तक चार बार विजेता रही है। हालांकि रोहित के साथ एक रिकॉर्ड यह भी है कि उनकी कप्तानी में कभी भी मुंबई ने लीग का अपना पहला मुकाबला नहीं जीता है।
सीएसके को खलेगी रैना-भज्जी की कमी
मुंबई की टीम जहां युवाओं से भरी हुई है वहीं धोनी की सीएसके रिटायर हो चुके और अनुभवी खिलाड़ियों से भरी हुई है। सुरेश रैना और हरभजन सिंह जैसे स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में चेन्नई को जहां प्लेइंग इलेवन चुनने में कुछ परेशानी हो सकती है, वहीं मुंबई में लगभग पिछले साल वाले ही खिलाड़ी मैदान में उतर सकते हैं।