जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन दिनोंदिन उग्र व हिंसक हो रहा है। अब अज्ञात प्रदर्शनकारी ने देश के धार्मिक पुलिस के प्रमुख की गोली मारकर हत्या कर दी। यह देख ईरान सरकार आंदोलनकारियों के खिलाफ और सख्त कदम उठाने जा रही है।
हिजाब के खिलाफ हिंसक आंदोलन की शुरुआत महसा अमीनी (22) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद हुई थी। अमीनी जब अपने परिवार के साथ कहीं जा रही थी, जब धार्मिक या मॉरल पुलिस ने उसे कार से उतारकर ठीक से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में लिया था। उसे पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया, जहां कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की गई थी। इससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, ईरान सरकार ने उसकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताई है। इसके बाद पूरे देश में हिजाब के खिलाफ उग्र आंदोलन चल रहा है।
ईरान में जगह-जगह हिंसक प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा महिलाओं की मौत की खबर है। अब बंदूकधारी प्रदर्शनकारी पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाने लगे हैं। इसी क्रम में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के खुफिया प्रमुख अली मौसावी की शुक्रवार को बंदूकधारी अज्ञात प्रदर्शनकारी ने गोली मारकर हत्या कर दी।
मौसावी ईरान की धार्मिक पुलिस प्रमुख थे। पुलिस की यह इकाई ईरान में शरिया कानूनों का पालन कराती है। इस घटना से ईरान की अयातुल्लाह अली खुमैनी सरकार आंदोलनकारियों के खिलाफ और कठोर कार्रवाई कर सकती है।
हिजाब के विरोध में सरेआम बाल काट रही महिलाएं
ईरान में महिलाएं सरेआम अपने सिर के बाल काटकर अनिवार्य हिजाब कानून का विरोध कर रही हैं। वहीं, महिलाओं के दमन की दुनियाभर में निंदा हो रही है। ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जबकि 700 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए हैं। ईरान सरकार हिजाब कानून में बदलाव नहीं करने पर अड़ी है तो आंदोलनकारी इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं।