- कैंट बोर्ड की बैठक में सीईओ ने प्रस्तावित एरिया की जानकारी दी
- कैंट क्षेत्र की लगभग 50 हजार जनसंख्या होगी प्रभावित
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: छावनी क्षेत्र के नोटिफाइड सिविल एरिया के नगर निगम में जाना लगभग तय हो गया है। इसमें लगभग 436 एकड़ जमीन व लगभग 50 हजार नागरिकों ओर कैंट बोर्ड के आधे कर्मचारियों के प्रभावित होने की संभावना है। येजानकारी शुक्रवार को हुई। कैंट बोर्ड की बैठक में मुख्य अधिशासी अधिकारी ज्योति कुमार द्वारा दी गयी। इसके अलावा म्यूटेशन व अन्य मामलों पर भी बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर राजीव कुमार की अध्यक्षता में विचार हुआ व निर्णय लिए गए।
सीईओ ज्योति कुमार ने बोर्ड बैठक में बताया कि नगर निगम को दिए जाने वाले क्षेत्र का प्रस्तावित नक्शा तैयार है। जिसके अनुसार कैंट क्षेत्र के सदर बाजार व बीसी बाजार जिसे रजबन का शिवाजी बाजार भी कहते हैं और बीआई बाजार जिसे जवाहर नगर या लालकुर्ती भी कहा जाता है,
सहित आरए बाजार जिसे सुभाष नगर या तोपखाना भी कहा जाता है। इनका नगर निगम में जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा आबूलेन, महताब व जलीकोठी के कैंट एरिया से लेकर रोडवेज व सोतीगंज और बेगमपुल के नाले तक का बाजार और सिविल एरिया नगर क्षेत्र में जाना प्रस्तावित है।
कैंट बोर्ड और कैंट एक्ट भी खत्म नहीं होगा
कैंट बोर्ड और छावनी अधिनियम खत्म नही किया जाएगा और कैंट के बंगला एरिया में वो लागू रहेगा, लेकिन संभव है के आगे आने वाले समय मे इसे रक्षा संपदा विभाग से जोड़ दिया जाए। बंगला एरिया में म्यूटेशन व अन्य सुविधाओं के लिए कैंट एक्ट व कैंट बोर्ड जारी रहेगा, क्योंकि कैंट बोर्ड को वित्तीय अनुदान सेना द्वारा दिया जाता है और कैंट बोर्ड द्वारा ही सैन्य क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की जाती है।
कैंट बोर्ड द्वारा संचालित ये उपक्रम भी निगम को जाएंगे
कैंट हॉस्पिटल व छावनी परिषद द्वारा संचालित सीएबी स्कूल व आधारशिला स्कूल सहित सभी प्राइमरी स्कूल और पानी टंकियां व लगभग 1300 स्ट्रीट लाइट व लगभग 23 ग्रुप शौचालय नगर निगम को दिए जाने प्रस्तावित हैं। इसके अलावा मवेशी कारागार व सदर गंज बाजार का कूड़ा स्थानांतरण केंद्र व रजबन स्थित कचरा पृथकीकरण निस्तारण केंद्र भी निगम को दिए जाने प्रस्तावित हैं। बोर्ड के अतिथि बैंकट, महिला छात्रावास, आबूलेन का बैंकट भी निगम एरिया में जाना प्रस्तावित हैं। कैंट बोर्ड द्वारा निर्मित रजबन के लाल क्वाटर्स भी निगम एरिया में जाएंगे।
ये एरिया नहीं जायेंगे नगर निगम में
कैंट के बंगला एरिया से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी 22बी और 210बी समेत समस्त बंगला एरिया बीआई लाइन बीसी लाइन रेस रोड वेस्टर्न रोड आदि एरिया कैंट में ही रहेगा। लालकुर्ती से बेगमपुल तक का पैंठ एरिया भी कैंट में ही रहेगा। सोफिया, सेंट मैरिज, सेंट जॉन्स, चिराग, जीटीबी स्कूल, दीवान, एमपीएस, एसडी स्कूल आदि कैंट में ही रहेंगे। होटल डी रोज, रॉयल होटल, एसजीएम गार्डन, नैय्यर पैलेस, भगवान पैलेस, एडवोकेट हाउस, शांति फार्म, जैन मंडप ग्रांड क्रिस्टल जैसे बैंकट भी कैंट में ही रहेंगे।
जनता ही नहीं, कर्मचारी भी होंगे प्रभावित
कैंट क्षेत्र का लगभग 436 एकड़ हिस्सा नगर निगम को जाना प्रस्तावित है। इसके अनुसार यहां रहने वाले लगभग 50 हजार निवासी व व्यापारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इसके अलावा कैंट बोर्ड के लगभग आधे कर्मचारी नगर निगम के कर्मचारी बन जाएंगे। जैसे स्कूलों के कर्मचारी व कैंट बोर्ड का सफाई विभाग, ई एंड एम विभाग, टैक्स विभाग, राजस्व विभाग, भवन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का बंटवारा भी होगा।
प्रदेश और जिले स्तर पर दो समितियों का हुआ है गठन
सीईओ ज्योती कुमार ने बताया के उक्त विषय मे एक रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति प्रदेश स्तर पर बनाई गई है जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव व ए डीजी डिफेंस स्टेट ओर डायरेक्टर सेंट्रल कमांड और कैंट बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ शामिल हैं।
इसके अलावा एक समिति जिला स्तर पर भी बनाई गई है। जिसमें जिलाधिकारी या उनके प्रतिनिधि और नगर निगम के अपर नगर आयुक्त व कैंट बोर्ड सीईओ व उनके प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। ये सब इस प्रस्तावित विलय की विषमताओं को सरल बनाने और योजनाओं के क्रियान्वन के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।
ये हुए बैठक में शामिल
बोर्ड बैठक में बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर राजीव कुमार, मुख्य अधिशासी अधिकारी ज्योति कुमार, मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा, कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक राजेश व कुछ मामलों में जानकारी के लिए एई पीयूष गौतम व एकाउंटेंट हितेश कुमार शामिल हुए।
बंगला एरिया भी हो निगम में शामिल बोले-सतीश
मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा ने उक्त प्रस्ताव पर कहा कि इस प्रस्ताव में बंगला एरिया को भी नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने के लिए विचार किया जाए। जिससे बंगला एरिया में रहने वाली जनता को भी सहूलियत प्राप्त हो सके।
सांसद, विधायक बोले-मोदी है तो सब मुमकिन
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के समय से ही प्रयास किये जाते रहे हैं। जिनके अब फलीभूत होने का समय आ गया है। राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि उन्होंने भी इस विषय में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कई बार वार्ता की है। वहीं, कैंट विधायक अमित अग्रवाल बोले कि मोदी है तो सब मुमकिन है।
कैंट की सड़कों की हुई प्रशंसा
बोर्ड बैठक में मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा ने कहा कि कैंट बोर्ड द्वारा क्षेत्र में जिन सड़कों का निर्माण या मरम्मत करवाया गया। उनकी गुणवत्ता बहुत उत्तम है। इस पर बोर्ड अध्यक्ष ने भी वहां मौजूद एई पीयूष गौतम की तारीफ करते हुए उन्हें शाबाशी दी।
ये थे बैठक के अन्य विषय
- बोर्ड का मासिक लेखा पास हुआ
- कैंट हॉस्पिटल के लिए दवा खरीद हुई पास
- अवैध निर्माण की अपीलों पर हुई सुनवाई
- पांच केस म्यूटेशन के हुए पास
- संविदा ठेकेदार को समय से बिल प्रस्तुत करने की हिदायत