- केसरिया रंग से सराबोर हुई गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग
- बढ़ती जा रही कांवड़ियों की संख्या, सेवादारों भी जुटे सेवा में
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: जय शिव कैलाशी, घट-घट के वासी। जो मिथ उठ मिरण करता, उत सागर पार उतरता। तेरी बात जरा सी, घट-घट के वासी। कुछ इसी तरह के गीत से कांवड़ पटरी पर भक्तिमय माहौल बनने लगा है। कांवड़ पटरी केसरिया रंग में रंगने लगी है। रविवार को बूंदाबांदी के बीच गंगनहर पटरी से भारी संख्या में कांवड़िए गुजरे।
मौसम का मिजाज देखते हुए कांवड़ियों ने लंबा सफर तय किया। वहीं, सेवादारों ने भी भोलों की सेवा करने के लिए शिविर सजा दिए हैं। कांवड़ियों में युवाओं के अलावा महिला और बच्चों की संख्या भी कम नजर नहीं आ रही है। भोले शिव शंकर के जयकारे लगाते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।
कांवड़ मार्ग गंगनहर पटरी पर माहौल भक्तिमय होने लगा है। फिलहाल पटरी से राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि दूर राज्योें के कांवड़िए गुजर रहे हैं। रविवार को गंगनहर पटरी से भारी संख्या में कांवड़िए गुजरे। रविवार को और दिन के मुकाबले मौसम में काफी राहत रही। दिनभर आसमान पर बादल छाए रहे। कुछ देर के लिए बूंदाबांदी भी हुई। मौसम के मिजाज को देखते हुए कांवड़िÞयों ने लंबा सफर तय किया।
भोलों में युवाओं के अलावा महिला और बच्चों की संख्या भी कम नहीं है। पैरों में छाले और दर्द भी आस्था के कदम नहीं रोक पा रहा है। वहीं, पटरी पर सेवा शिविर भी सजने लगे हैं। सेवादार भोलों की सेवा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। रास्ते में खड़े होकर भोलों को सेवा के लिए रोक रहे हैं। दोपहर में भोलों ने शिविरों में आराम करना ठीक समझा। शाम को कांवड़ियों ने लंबा सफर तय करने के लिए कांवड़ उठाया। पटरी दिनभर भोले के जयकारों से गूंजती रही। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है।
दिव्यांगता पर भारी पड़ी आस्था
गंगनहर पटरी पर आस्था का गजब माहौल देखने को मिल रहा है। कोई भी कमजोरी आस्था के सामने टिक नहीं पा रही है। दिव्यांगता भी आस्था को कमजोर नहीं कर पा रही है।
अलवर के अनुज वैसे तो दिव्यांग हैं और टाइसाइकिल से चलते हैं। मगर इसके बाद भी उनका हौसला कम नहीं है। अपनी टीम के साथ वह भी कांवड़ लाने के लिए निकले हैं।
सावन का पहला सोमवार आज
भगवान शिव के प्रिय सावन मास की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है। शिवालयों में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है। अपने आराध्य के अभिषेक को श्रद्धालु आतुर हैं। वहीं, सावन के पहले सोमवार के लिए शिवालयों में विशेष तैयारियां की गई हैं। औघड़नाथ मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों में आकर्षक साज-सज्जा की गई है।
ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी पं. श्रीधर त्रिपाठी ने कहा कि देवों के देव महादेव बहुत भोले हैं। अभिषेक से ही मनवांछित फल देते हैं। श्रावण मास में महादेव की स्तुति विशेष फलदायी होती है। उन्होंने बताया कि सावन के सोमवार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बैरिकेडिंग के जरिए श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन कराए जाएंगे। नगर निगम परिसर स्थित झारखंडी महादेव मंदिर में सावन के पहले दिन गुरुवार से शिव महापुराण कथा चल रही है।
आचार्य गोपाल शास्त्री ने बताया कि विशेष साज-सज्जा की गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष डा. सुबोध गर्ग ने बताया कि सभी सोमवार पर महादेव का भव्य शृंगार और विशेष अनुष्ठान होंगे। बिल्वेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी पं. हरीश चंद्र जोशी ने बताया कि सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा का विशेष शृंगार कर आराधना होगी।