- उक्त ट्रेन की पावर बदलने के लिए नहीं करानी पड़ेगी शंटिंग
जनवाणी संवाददाता |
नजीबाबाद: रेलवे ने नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच संचालित जन शताब्दी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को इलैक्ट्रिक पावर (इंजन) से जोड़कर चलाया जाना शुरु कर दिया है। इससे एक ओर जहां यात्रियों को सुविधा होगी, वहीं रेलवे को भी नजीबाबाद में उक्त ट्रेन की पावर बदलने के लिए शंटिंग नहीं करानी पड़ेगी।
रेलवे की ओर से कोटद्वार से दिल्ली के बीच सीधे इलैक्ट्रिक ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है। सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में पहले दिल्ली से नजीबाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन तक ट्रेन को इलैक्ट्रिक पावर से जोड़कर लाया जाता था।
जबकि यहां उसकी इलैक्ट्रिक पावर को पृथक कर उसके स्थान पर डीजल पावर जोड़कर कोटद्वार के लिए भेजा जाता रहा है। कोटद्वार से ट्रेन के वापस लौटने पर नजीबाबाद में डीजल पावर को हटाकर उसके स्थान पर इलैक्ट्रिक पावर जोड़कर दिल्ली के लिए रवाना किया जाता रहा है।
कोरोना काल से पूर्व में उक्त रेलमार्ग पर इसी समय पर चलायी जाने वाली कोटद्वार-दिल्ली गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन भी दिल्ली-नजीबाबाद के बीच इलैक्ट्रिक इंजन और नजीबाबाद-कोटद्वार रेलवे स्टेशनों के मध्य डीजल इंजन से कराया जाता रहा है।
उक्त रेलमार्ग पर ट्रेन को लाने ले जाने के लिए मुरादाबाद अथवा लक्सर लोको से डीजल पावर मंगवानी पड़ती थी। सैकड़ों रेलयात्री अब कोटद्वार-नजीबाबाद रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण के बाद कोरोनाकाल की वजह से ट्रेनों का सचालन देश भर में बंद हो जाने के चलते रेलवे की उक्त मार्ग पर इलैक्ट्रिक ट्रेन चलाने की योजना काफी दिनों तक थमी रही।
उक्त मार्ग पर पहली बार बिजली का इंजन से जुड़ी ट्रेन लेकर लोको पायलट आरडी शर्मा, सहायक पायलट ऋषि कुमार, गार्ड मनोज कुमार और प्वाइंट्स मैन हीरा सिंह कोटद्वार पहुंचे। कोटद्वार रेलवे स्टेशन के अधीक्षक मनोज रावत ने बताया कि विगत 19 मार्च को बिजली के इंजन का ट्रायल रेलवे के उच्चाधिकरियों की निगरानी में किया जा चुका था। जिसके बाद रेलवे की ओर से अप्रैल के प्रथम पखवाड़े में ही बिजली के इंजन से रेल सेवाएं संचालित करने का निर्णय ले लिया गया था।
उधर स्टेशन अधीक्षक नजीबाबाद जयपाल सिंह का कहना है कि अब जन शताब्दी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन में दिल्ली से ही इलैक्ट्रिक इंजन जुड़कर आने लगा है। जिसके चलते उक्त ट्रेन का नजीबाबाद में पूर्व में कराए जाने वाला शंटिंग भी नहीं कराना पड़ रहा हैं।