जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: झारखंड के गुमला जिले के भरनो थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिग का एक मामला सामने आया है। यहां कुछ लोगों ने 45 वर्षीय शमीम अंसारी को लाठी-डांडों से पीट-पीटकर सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उन्होंने पेड़ काटने का विरोध किया था। शमीम अंसारी जंगलों से अवैध रूप से पेड़ काटने लकड़ी माफियाओं को रोकने का काम करते थे।
जंगल में अवैध रूप से लकड़ी काटने वालों ने ग्राम वन संरक्षण समिति का नेतृत्व करने वाले शमीम अंसारी को तब तक पीटा जब तक उनकी मौत नहीं हो गई। घटना शुक्रवार सुबह 11 बजे की बताई जा रही है।
रायकेरा वन समिति के अध्यक्ष शमीम अंसारी को शुक्रवार सुबह करीब साढ़े दस बजे अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की सूचना मिली। जिसके बाद जब शमीम ने मौके पर पहुंचकर लकड़ी माफिया को ऐसा करने से माना किया तो उन्होंने शमीम पर लाठी-डांडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गई।
अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) रवि आनंद ने बताया कि अंसारी की लकड़ी माफिया को पेड़ काटने से रोकने पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
नहीं थम रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाएं
इससे पहले भी झारखंड में मॉब लिंचिंग की कई घटनाए सामने आ चुकी हैं। इसी साल जनवरी में सिमडेगा जिले में लोगों ने लकड़ी चोरी के शक में एक युवक को जिंदा जला दिया था। वहीं, सिमडेगा के एक गांव में भीड़ ने एक 60 वर्षीय महिला को जादू टोना करने के संदेह में आग लगा दी थी। फरवरी में हजारीबाग जिले के बरही थाना क्षेत्र के करियादपुर गांव में सरस्वती पूजा के बाद विसर्जन जुलूस के दौरान एक 17 वर्षीय लड़के की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।
झारखंड विधानसभा द्वारा भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक, 2021 को पारित करने के बाद भी राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाए कम नहीं हो रही हैं। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में संवैधानिक अधिकारों की प्रभावी सुरक्षा प्रदान करना और भीड़ की हिंसा को रोकना है।