- जनवाणी की जांच पड़ताल में जुगाड़ी वाहन आए सामने, ट्रैफिक पुलिस मौन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के विभिन्न इलाके में चल रहे जुगाड़ वाहन हादसों का कारण बन रहे हैं। शुक्रवार को जनवाणी की जांच पड़ताल में पाया कि जुगाड़ वाहन की मदद से पाइप, सरिया, लोहा, रेत, बजरी व र्इंट आदि की ढुलाई की जाती है। इन वाहनों के पास कोई दस्तावेज नहीं होता है। जबकि मोटर व्हीकल एक्ट में जुगाड़ वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
इसके बावजूद शहर की सड़कों पर खुलेआम जुगाड़ वाहन दौड़ रहे हैं। न तो परिवहन विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही ट्रैफिक पुलिस चौराहों पर होने वाली वाहन चेकिंग में भी ऐसे वाहनों को नहीं रोका जाता है। लोहा, सब्जी, खाद्य पदार्थ सहित विविध तरह के सामान लादकर चलने के कारण इन वाहनों से दुर्घटनाएं भी होती हैं। इन जुगाड़ वाहनों का न तो बीमा होता है और न पंजीकरण।
इनके मालिकों की हैसियत भी ज्यादा अच्छी नहीं होती। ऐसे में हादसा होने पर पीड़ित को कोई क्लेम तक नहीं मिल पाता। अपनी सुविधा के लिए कई लोग जुगाड़ तकनीक का इस्तेमाल कर कमाई के रास्ते निकाल लेते हैं। आम लोग भी बचत के लिए इनका इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते।
बढ़ता जा रहा चलन
दिन प्रतिदिन बाइक से बने जुगाड़ वाहनों का चलन बढ़ता जा रहा है। शहर में ऐसे वाहनों की संख्या सैकड़ों में होंगी। शहर की हर सड़क पर ऐसे वाहन सामान की ढुलाई करते नजर आ ही जाते हैं। बाइक से बने जुगाड़ की क्षमता से ज्यादा सामान की लदाई की जाती है तो ये वाहन और खतरनाक हो जाते हैं। आए दिन ऐसे वाहन राहगीरों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं।
रात में तो खतरा कई गुना और बढ़ जाता है। कभी-कभी ऐसे वाहनों पर लोहा, सरिया भी लादकर ले जाया जाता है, इससे राहगीरों में और दुर्घटना होने का डर बना रहता है। दिनभर में शहर में जगह-जगह वाहन की चेकिंग हो रही है। बावजूद इसके जुगाड़ वाहनों को कोई भी पुलिसकर्मी नहीं रोकता है। ऐसे वाहन चेकिंग कर रहे पुलिसकर्मियों की आंखों के सामने से गुजर जाते हैं, लेकिन उन कोई पर कार्रवाई नहीं होती है। इससे जुगाड़ वाहनो के चालको का और हौसला बढ़ जाता है।
लॉकडाउन से बढ़ी संख्या
लॉकडाउन से इनकी संख्या कुछ अधिक ही बढ़ गई है। कई लोगों ने अपने वाहनों को जुगाड़ वाहन में बदलकर सब्जी सहित विविध तरह के माल बेचने के लिए उपयोग किया। यदि किसी के घर में कोई पुरानी बाइक कबाड़ हालत में पड़ी है तो उसे उसकी बिक्री सोच समझकर ही करना चाहिए। जुगाड़ वाहन तैयार करने वाले यहीं से कबाड़ बाइकों को खरीदकर जुगाड़ वाहन तैयार करते हैं।
पुरानी बाइक का बीमा नहीं होगा यह तय है। ऐसे में अगर किसी जुगाड़ वाहन से किसी की मौत हो जाती है और इंजन और चेचिस नंबर से यह साबित हो जाता है कि बाइक आपकी है तो मृतक के परिजन सीधे आप पर क्लेम कर सकते हैं। अधिकांश जुगाड़ वाहनों में पुरानी बाइकों को इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे वाहनों का न तो नंबर होता है और न कागज, ऐसे वाहनों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इन थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा पाए जुगाड़ वाहन
कंकरखेड़ा थाना, देहली गेट थाना, सिविल लाइन थाना, लिसाड़ी गेट थाना, लालकुर्ती थाना आदि।
सीओ ट्रैफिक अमित राय का कहना है कि वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी और जुगाड़ वाहनों को भी सीज किया जाएगा। एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि यह जुगाड़ वाहन प्रतिबंधित है और चालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।