नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है।हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है, क्योंकि ये चातुर्मास का आखिरी माह होता है। इस माह में देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। ऐसे में कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस महीने में तेंतीस कोटि देवता मनुष्य के सन्निकट हो जाते हैं और इसमें किए हुए स्न्नान, दान, भोजन, व्रत, तिल, धेनु, सुवर्ण,रजत,भूमि,वस्त्र आदि के दानों को विधिपूर्वक ग्रहण करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
स्नान का महत्व
कार्तिक मास में प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान करने का अत्यधिक महत्व होता है। विशेष रूप से गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है। यदि नदी में स्नान करना संभव न हो, तो घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। यह स्नान शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
दीपदान करना माना जाता है अत्यंत शुभ
कार्तिक मास में दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से सूर्यास्त के समय घर के बाहर, तुलसी के पौधे के पास और मंदिरों में दीप जलाने से देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। दीपदान का धार्मिक महत्व यह है कि यह अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। इसे जीवन में समृद्धि और शांति लाने वाला माना गया है।
ये चीजें न खाएं
इस मास में सात्विक जीवन शैली अपनाने का विशेष महत्व है। भोजन में प्याज, लहसुन, मांस और मदिरा का त्याग करना आवश्यक होता है। शुद्ध और सात्विक आहार जैसे फल, दूध, और सादा भोजन का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, मन, वाणी, और कर्म में संयम बरतने से व्यक्ति की आत्मिक उन्नति होती है। इस दौरान ध्यान और मौन व्रत का पालन करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है
ध्यान करने से होते है सभी पाप नष्ट
कार्तिक मास को ध्यान और साधना के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना गया है। इस महीने में भगवान विष्णु और शिव का ध्यान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास में ध्यान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मास में मौन साधना या जप साधना का भी विशेष महत्व होता है।
दान करने से मिलता है पुण्य
कार्तिक मास में दान करने से हजारों गुना पुण्य प्राप्त होता है। गरीबों, ब्राह्मणों, और जरुरतमंदों को दान देना इस मास का मुख्य नियम है। विशेष रूप से अन्न, वस्त्र, और दीपों का दान करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।