जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: गंगा में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ आने की आशंका के बीच जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है। उस समय खादरवासी और आलाधिकारी सहम गए, जब गंगा का जलस्तर एकाएक बढ़ गया और गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया। गुरुवार को भीमकुंड गंगा घाट पर जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मॉक ड्रिल के माध्यम से बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में तत्काल राहत और बचाव को लेकर विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय के उद्देश्य से मॉक ड्रिल के माध्यम से पूर्वाभ्यास किया गया। जिसमें बाढ़ में फंसे लोगों व गंगा में डूबते लोगों को बचाया गया।
एडीएम एफ सूर्यकांत त्रिपाठी ने ग्रामीणों को संबोधित कर बाढ़ व प्राकृतिक आपदा में कैसे बचाव करे। गंगा घाट पर बाढ़ में फंसे पीड़ितों की जान बचाने को उनकी सहायता करने का अभ्यास किया गया। जैसे ही गंगा खादर में बाढ़ आने की सूचना मिली तो सभी विभाग सक्रिय हो गए तथा गोताखोर की टीम बोट में सवार हो गई और कुछ लोग बाढ़ में फंसे होने का संकेत देते हुए तेज आवाज से चिल्ला रहे थे, टीम ने उन्हें ट्यूब आदि उपलब्ध कराते हुए बोट में बैठा लिया और बेहोश हुए पीड़ितों को चिकित्सा विभाग द्वारा आपातकालीन चिकित्सा प्रदान की गई। इस मौके पर एसपी देहात डॉ. राकेश मिश्रा, सीओ अभिषेक पटेल, एसडीएम अंकित कुमार, नगरीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अंकुर त्यागी, सीएचसी प्रभारी डॉ. अमित त्यागी, तहसीलदार निरंकार सिंह, थाना प्रभारी राम प्रकाश शर्मा आदि मौजूद रहे।
मॉक ड्रिल के दौरान ये विभाग रहे मौजूद
गुरुवार को भीमकुंड गंगा घाट पर आयोजित मॉक ड्रिल के दौरान 44वीं वाहिनी पीएसी, 10 असम रेजीमेंट, 24 राजपूत रेजीमेंट मेरठ कैंट, जिला स्तरीय इंसीडेंट रिस्पांस एंड रेस्क्यू टीम के साथ अग्निशमन दल, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, जिला आपूर्ति अधिकारी, स्काउट एंड गाइड लालकुर्ती मेरठ आदि दर्जनों विभाग के अधिकारी और टीम में मौके पर मौजूद रही।
मॉक ड्रिल देखने को गंगा किनारे पहुंची भीड़
गंगा में अचानक काफी संख्या में पुलिस एनडीआरएफ और सेना के जवानों को देखकर आसपास के लोग रहने वाले लोग मौके पर पहुंचे तो पता चला कि मॉक ड्रिल के साथ ही लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि बाढ़ आने के पूर्व बचाव कार्य कैसे होगा? इसका तैयारी की जा रही है। खेड़ीकलां, बधवा, मनोहरपुर, भीमकुंड, शिरजेपुर, शेरपुर, फतेहपुर प्रेम आदि गांव बाढ़ की चपेट में हर साल आ जाते हैं।ं